ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य बंद किया तो क्या होगा? कई देशों की जान हलक में अटकी, जानिए इसके मायने

    ईरान इस रास्ते को बंद करता है, तो तेल के दाम आसमान छू सकते हैं और पश्चिम एशिया में आग और ज्यादा भड़क सकती है.

    what if Iran closes Strait of Hormuz
    खामेनेई | Photo: X/Khamenei

    दुनिया की नज़रों में एक बार फिर वो समुद्री गलियारा है, जिसे अगर बंद कर दिया गया तो तेल की धार थम जाएगी और युद्ध की आग भड़क सकती है — हम बात कर रहे हैं होर्मुज जलडमरूमध्य की. एक बार फिर यह रणनीतिक समुद्री रास्ता ईरान-इजराइल तनाव के केंद्र में है. खबर है कि ईरान इस जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दे रहा है. एक रूढ़िवादी ईरानी सांसद के बयान ने पूरी दुनिया के पेट्रोल डिप्लोमेसी को झकझोर दिया है.

    अगर ईरान इस रास्ते को बंद करता है, तो तेल के दाम आसमान छू सकते हैं और पश्चिम एशिया में आग और ज्यादा भड़क सकती है. सवाल ये नहीं कि ईरान यह करेगा या नहीं — सवाल यह है कि अगर किया, तो दुनिया का क्या होगा?

    क्या है होर्मुज जलडमरूमध्य?

    होर्मुज जलडमरूमध्य वो नाज़ुक गलियारा है जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है. इसके एक तरफ है ईरान और दूसरी ओर ओमान और यूएई. ये दुनिया की सबसे व्यस्त और संवेदनशील समुद्री लेनों में से एक है. यूएस एनर्जी इनफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, पूरी दुनिया में जो तेल चलता है, उसका करीब 20 फीसदी हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुजरता है.

    इस जलमार्ग का सबसे संकरा हिस्सा महज़ 33 किलोमीटर चौड़ा है, जबकि जहाज़ों के लिए सुरक्षित लेन इससे भी तंग है, यानी अगर टकराव बढ़ा तो यहाँ हमला करना बेहद आसान और घातक हो सकता है.

    इतिहास गवाह है: टकराव नया नहीं

    ईरान-इराक युद्ध (1980–1988) के दौरान दोनों देशों ने इस क्षेत्र में एक-दूसरे के वाणिज्यिक जहाज़ों को निशाना बनाया था. इसको "टैंकर वॉर" कहा गया. बावजूद इसके, होर्मुज को पूरी तरह कभी बंद नहीं किया गया. 2019 में, ट्रंप प्रशासन के दौर में यूएई के फुजैरा कोस्ट पर चार जहाज़ों पर हमला हुआ था. अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन तेहरान ने इनकार किया. अब 2025 में, एक बार फिर होर्मुज तनाव के केंद्र में है.

    सिर्फ तेल वाले देश ही नहीं होंगे शिकार

    अगर ईरान होर्मुज को बंद करता है तो असर केवल उन्हीं देशों पर नहीं पड़ेगा जो खाड़ी से तेल आयात करते हैं — बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन हिल जाएगी. क्योंकि इससे तेल की आपूर्ति घटेगी, बाजार में डर फैलेगा, और कीमतें उछाल मारेंगी. इससे हर उस देश को झटका लगेगा जिसकी अर्थव्यवस्था ऊर्जा पर आधारित है.

    दबाव की पुरानी रणनीति फिर एक्टिव?

    ग़ाज़ा युद्ध के दौरान यमन के हूती विद्रोहियों ने बाब अल-मंदेब जलडमरूमध्य में जहाज़ों पर हमला किया था. इसकी वजह से जहाजों को लाल सागर में दाखिल होने से पहले अफ्रीका का चक्कर लगाना पड़ा, जिससे समय, पैसा और जोखिम तीनों बढ़ गए. अब होर्मुज पर खतरा मंडरा रहा है. लेकिन फर्क ये है कि होर्मुज का कोई विकल्प नहीं है. यह एकमात्र रास्ता है खाड़ी से बाहर निकलने का.

    क्या ईरान के पास ताकत है?

    एक ईरानी सांसद का बयान आया, लेकिन अब तक यह साफ नहीं कि क्या ईरान के पास वास्तव में होर्मुज को पूरी तरह बंद करने की क्षमता या राजनीतिक इच्छाशक्ति है. यह सिर्फ धमकी है या रणनीतिक तैयारी? कोई नहीं जानता.

    अमेरिका की प्रतिक्रिया कैसी होगी?

    अगर ईरान ऐसा कदम उठाता है तो यह तय है कि अमेरिका चुप नहीं बैठेगा. अमेरिकी नौसेना पहले से ही इस क्षेत्र में मौजूद है. और अगर ईरान ने होर्मुज बंद करने की कोशिश की, तो यह सीधे अमेरिका के व्यापारिक और सैन्य हितों पर हमला होगा. ऐसी स्थिति में अमेरिका स्वयं, या इजराइल के ज़रिए, जवाबी कार्रवाई कर सकता है.

    अप्रैल 2024: एक ट्रेलर मिल चुका है

    जब इजराइल ने सीरिया में ईरानी कांसुलेट पर हमला किया था, तब ईरान ने होर्मुज के पास एक कंटेनर जहाज़ को जब्त कर लिया था. इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमित जवाबी कार्रवाई हुई थी. इससे यह संदेश साफ हो गया कि होर्मुज केवल एक समुद्री रास्ता नहीं, एक रणनीतिक हथियार है.

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