पश्चिम बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन? राज्यपाल ने MHA को सौंपी मुर्शिदाबाद दंगों की रिपोर्ट

    वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग को लेकर बीते दिनों देश में जगह-जगह विरोध दर्ज कराया गया था. वहीं पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाएं भी सामने आई थीं. यहां मुर्शिदाबाद और मालदा में उग्रवादियों ने जमकर उत्पात मचाया था. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि इन दोनों ही जिलों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हैं. 

    West Bengal Governor C.V. Anand Bose submitted the report of Murshidabad Violence to the Home Ministry
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    वक्फ संशोधन अधिनियम को वापस लेने की मांग को लेकर बीते दिनों देश में जगह-जगह विरोध दर्ज कराया गया था. वहीं पश्चिम बंगाल में हिंसक घटनाएं भी सामने आई थीं. यहां मुर्शिदाबाद और मालदा में उग्रवादियों ने जमकर उत्पात मचाया था. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं ने राज्य की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि इन दोनों ही जिलों में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हैं. 

    वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा और उसमें हुई मौतों के बाद राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने एक अहम रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी है. इस रिपोर्ट में न केवल हिंसा के कारणों की पड़ताल की गई है, बल्कि राज्य के सीमावर्ती जिलों में कट्टरपंथ और उग्रवाद के बढ़ते प्रभाव की ओर भी गंभीर संकेत दिए गए हैं.

    रिपोर्ट में क्या बताया गया?

    राज्यपाल की यह रिपोर्ट उस समय सामने आई है जब बंगाल की राजनीति में धर्म, पहचान और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर बहस तेज हो रही है. रिपोर्ट में प्रशासन की निष्क्रियता, पूर्व नियोजित हिंसा की आशंका और पुलिस की असमर्थता को रेखांकित किया गया है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि अगर हालात बिगड़ते हैं, तो संविधान के अनुच्छेद 356 जैसे कठोर विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है.

    रिपोर्ट में दिए गए सुझाव

    राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने सीमावर्ती जिलों में केंद्रीय बलों की स्थायी चौकियों की स्थापना और एक स्वतंत्र जांच आयोग के गठन जैसे कई उपाय सुझाए हैं, ताकि कानून व्यवस्था को बहाल किया जा सके और आम जनता में विश्वास कायम रहे. 

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