मथुरा: भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद मंगलवार सुबह वृंदावन की शांति और आध्यात्मिकता का रुख किया. पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ, वे प्रसिद्ध केली कुंज आश्रम पहुंचे और पूज्य प्रेमानंद महाराज से आशीर्वाद लिया.
सफेद जर्सी से विदाई के एक दिन बाद कोहली का यह दौरा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक शांति की तलाश में एक कदम माना जा रहा है. दोनों सुबह करीब 7:20 बजे इनोवा कार से आश्रम पहुंचे और लगभग ढाई घंटे वहां रुके. इस दौरान दोनों ने न केवल महाराज से मुलाकात की, बल्कि आश्रम के विभिन्न सेवा कार्यों को भी करीब से देखा और समझा.
तीसरी बार वृंदावन की शरण में
यह कोहली का वृंदावन का तीसरा दौरा था. इससे पहले वे 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को भी प्रेमानंद महाराज से मिलने आए थे. पिछली बार बच्चों के साथ पहुंचे विराट और अनुष्का ने आध्यात्मिक चर्चा की थी, जिसमें विराट ने असफलता और मानसिक संतुलन को लेकर मार्गदर्शन मांगा था.
महाराज से मिली आध्यात्मिक दिशा
विराट ने पूछा था, "असफलता के समय मन को कैसे संभालें?" इस पर महाराज ने कहा, "अभ्यास और धैर्य से ही विजय मिलती है. जैसे हम साधना करते हैं, वैसे ही आपका क्रिकेट भी साधना है. असफलता क्षणिक है, लेकिन प्रभु का स्मरण स्थायी समाधान है."
अनुष्का ने भी प्रेम भक्ति का आशीर्वाद मांगा, जिस पर महाराज ने कहा, "भक्ति आप पर विशेष प्रभाव डालेगी. जब आप किसी भी कार्य में प्रेम से जुड़ते हैं, तो वह सेवा बन जाती है."
कोहली का भावुक विदाई संदेश
टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहते हुए विराट ने इंस्टाग्राम पर एक मार्मिक पोस्ट साझा की: उन्होंने लिखा, "टेस्ट क्रिकेट ने मुझे गढ़ा, मेरी परीक्षा ली और वो जीवन मूल्य दिए, जो हमेशा मेरे साथ रहेंगे. 14 साल पहले जब पहली बार सफेद जर्सी पहनी थी, तब नहीं सोचा था कि यह सफर इतना गहरा होगा. अब जब मैं विदा ले रहा हूं, तो मन भारी जरूर है, लेकिन यह सही समय लगता है. मैंने इसमें सबकुछ दिया और बदले में इससे कहीं अधिक पाया."
उन्होंने अपनी टेस्ट जर्सी का नंबर '269' लिखते हुए संदेश को समाप्त किया: "Signing off."
एक युग का अंत, नए अध्याय की शुरुआत
टेस्ट क्रिकेट से कोहली की विदाई केवल मैदान से हटना नहीं, बल्कि आत्मिक परिपक्वता की ओर एक संकेत है. उनकी वृंदावन यात्रा यह दर्शाती है कि खेल से परे भी उनका जीवन आध्यात्मिकता, सेवा और आत्म-अन्वेषण की ओर अग्रसर है.
जहां मैदान पर विराट कोहली का साहस और जुनून भारत को गौरव दिलाता रहा, वहीं अब उनका यह शांत रूप, आत्मिक खोज और संयम शायद आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नया उदाहरण बनेगा.
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