Vinesh Phogat On Retirement: पेरिस ओलंपिक 2024 के दिल दहला देने वाले अंत के बाद जब विनेश फोगाट ने अचानक रिटायरमेंट का ऐलान किया, तो पूरा देश हैरान रह गया था. फिर अगले ही दिन राजनीति में कदम रखने से लेकर विधानसभा चुनाव जीतने तक, उनके फैसले लगातार सुर्खियों में रहे. लेकिन शुक्रवार को विनेश ने एक बार फिर सबको चौंका दिया उन्होंने मैट पर वापसी का ऐलान करते हुए स्पष्ट कर दिया कि उनका सफर अभी खत्म नहीं हुआ है.
विनेश फोगाट ने X पर एक लंबा पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें खुद से बातचीत करने का समय मिला. वो लिखती हैं कि पेरिस मेरे लिए अंत है या नहीं इसका जवाब मैं खुद भी नहीं जानती थी. मैं चाहती थी कि कुछ समय मैट से, दबाव से और उम्मीदों से दूर रहूं. पहली बार मैंने खुद को आराम करने दिया. वो आगे लिखती हैं अपने सफर को सोचने पर मुझे अहसास हुआ कि मैं अब भी इस खेल से प्यार करती हूं. मैंने जाना कि मेरा जुनून कभी गया ही नहीं… बस थकान और शोर में दब गया था.
LA Olympics 2028 का नया सफर, अब बेटे के साथ
विनेश ने यह भी बताया कि उनकी वापसी अब अकेली नहीं होगी, क्योंकि इस बार उनका सबसे बड़ा मोटिवेशन उनका बेटा—उनके साथ रहेगा. इस बार मैं अकेले नहीं चल रही. मेरा बेटा मेरी टीम का हिस्सा होगा, मेरा सबसे बड़ा चीयरलीडर… और LA 2028 मेरी नई मंज़िल है,” उन्होंने भावुक होकर लिखा.
सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी जानकारी, यहां पढ़ें
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 12, 2025
पेरिस ओलंपिक 2024: इतिहास और heartbreak एक साथ
विनेश फोगाट भारत की पहली महिला पहलवान बनीं, जिन्होंने ओलंपिक के स्वर्ण पदक मुकाबले तक पहुंचकर इतिहास रचा. इस सफर में उन्होंने जापान की चार बार की वर्ल्ड चैंपियन युई सुसाकी को हराकर दुनिया को हैरत में डाल दिया था.लेकिन फाइनल से कुछ घंटे पहले हुई सिर्फ 100 ग्राम की चूक ने सब कुछ बदल दिया. सुबह की रुटीन वे-इन में वह 100 ग्राम ओवरवेट पाई गईं और नियमों के अनुसार पूरा प्रदर्शन अमान्य कर दिया गया.उन्होंने CAS में अपील भी की, लेकिन उन्हें न सिल्वर मिला और न ही मेडल की मान्यता.
भारत वापसी और राजनीति में धमाकेदार एंट्री
भारत लौटने पर उन्हें जबरदस्त स्वागत मिला.इसके बाद विनेश ने राजनीति में कदम रखते हुए कांग्रेस पार्टी जॉइन की और जुलाना सीट से विधानसभा चुनाव जीत लिया.उन्होंने BJP के योगेश बजरंगी को हराया. खास बात यह है कि वह अपने परिवार से राजनीति में उतरने वाली पहली महिला नहीं हैं. उनकी बहन बबीता फोगाट भी 2019 में चुनाव लड़ चुकी थीं, हालांकि वह जीत नहीं पाई थीं.
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