नई दिल्लीः खेल अब केवल जीत और हार की बात नहीं रह गए हैं — वे अब देश की पहचान, संस्कृति और उभरती ताकत बन चुके हैं. इसी विचार को सामने रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मई को बिहार की राजधानी पटना से आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 के उद्घाटन समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया.
अपने जोशीले भाषण में पीएम मोदी ने युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों को मंच देता है, बल्कि भारत की खेल संस्कृति को भी नई दिशा देता है. उन्होंने कहा, "खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेना हर युवा खिलाड़ी के लिए खुद को साबित करने का शानदार मौका है. यह मंच आपकी प्रतिभा को तराशेगा और देश को भविष्य के चैंपियनों से परिचित कराएगा."
वैभव सूर्यवंशी: बिहार का चमकता सितारा
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से बिहार के युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी का नाम लेते हुए कहा कि उनकी प्रतिभा ने देशभर का ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने कहा, "हम सभी ने IPL में बिहार के बेटे वैभव सूर्यवंशी का शानदार प्रदर्शन देखा है. इतनी कम उम्र में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, वह प्रेरणादायक है. उनकी सफलता इस बात का उदाहरण है कि 'जो जितना खेलेगा, वह उतना ही खिलेगा'." उन्होंने यह भी जोड़ा कि वैभव की मेहनत के साथ-साथ विभिन्न स्तर पर खेलने का अनुभव भी उनके खेल को निखारने में अहम रहा है.
खेलों के लिए बढ़ता बजट, मजबूत होता आधार
प्रधानमंत्री मोदी ने यह जानकारी भी दी कि वर्ष 2025 के लिए केंद्र सरकार ने 4,000 करोड़ रुपए से अधिक का बजट खेल क्षेत्र को दिया है. इसका एक बड़ा हिस्सा खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे गांव-शहरों में खेल के नए केंद्र उभरेंगे और युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के और अधिक अवसर मिलेंगे.
बिहारी स्वाद का भी किया ज़िक्र
अपने भाषण के अंत में पीएम मोदी ने बिहार की सांस्कृतिक और स्वादिष्ट विरासत की भी चर्चा की. उन्होंने बाहर से आए खिलाड़ियों से कहा, "बिहार आए हैं तो लिट्टी-चोखा का स्वाद ज़रूर लें और मखाना खाना न भूलें. यह न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है."
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