लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच यात्रा करने का तरीका अब पूरी तरह से बदलने वाला है. गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाला यह हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे ना सिर्फ दोनों राज्यों को जोड़ने का काम करेगा, बल्कि पूरे उत्तर भारत के ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क को भी नया आयाम देगा. यह एक्सप्रेसवे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा विकसित किया जा रहा है, और इसकी निर्माण प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है. वर्तमान में, इसकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) अंतिम चरण में है, और अधिकारियों का कहना है कि मार्च 2026 तक इसका काम शुरू हो सकता है.
एक लंबा और आधुनिक एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 650 किलोमीटर होगी, जिससे यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा. यह एक ऐसा हाई-स्पीड कॉरिडोर होगा, जो 4 से 6 लेन का होगा और भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकता है. इस प्रोजेक्ट का अनुमानित बजट लगभग 15,000 करोड़ रुपये है, जो इसे एक मेगा प्रोजेक्ट बनाता है.
कनेक्टिविटी का नया दौर
यह एक्सप्रेसवे 22 जिलों से होकर गुज़रेगा, जिनमें प्रमुख जिले जैसे बलरामपुर, श्रावस्ती, सीतापुर, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, और शामली शामिल हैं. पहले यह एक्सप्रेसवे केवल शामली तक प्रस्तावित था, लेकिन अब इसे पानीपत तक बढ़ा दिया गया है, जिससे यात्रा की कनेक्टिविटी और भी सशक्त होगी. यह बदलाव पूर्वांचल, रूहेलखंड और पश्चिमी यूपी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को आपस में जोड़ने के लिहाज से बेहद अहम साबित होगा.
यात्रा का समय आधा होगा
आजकल, पूर्वी यूपी से हरियाणा या पश्चिमी यूपी की यात्रा करने में 12 से 15 घंटे लगते हैं, लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह समय केवल 7 से 8 घंटे रह जाएगा. इस प्रकार, न सिर्फ यात्रा का समय कम होगा, बल्कि यात्रा के अनुभव में भी महत्वपूर्ण सुधार आएगा.
व्यापार और औद्योगिकीकरण को मिलेगी गति
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे का निर्माण क्षेत्रीय व्यापार और औद्योगिकीकरण में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. विशेषकर, यह 'एक जिला एक उत्पाद' (ODOP) योजना के तहत पूर्वी उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प और कपड़ा उद्योगों को हरियाणा के औद्योगिक हब से जोड़ेगा. इससे माल ढुलाई में तेजी आएगी और लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी होगी, जो पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास में सहायक होगा.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया विस्तार
यह एक्सप्रेसवे धार्मिक पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगा. नेपाल सीमा से सटे जिले जैसे बलरामपुर और श्रावस्ती के लोग अब हरिद्वार तक की यात्रा सिर्फ 6 घंटे में कर सकेंगे. इससे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यात्रियों के लिए यात्रा के समय में भी कमी आएगी.
निर्माण की प्रक्रिया और समयसीमा
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे को दो मुख्य चरणों में पूरा करने की योजना है. पहले चरण में पानीपत से शामली होते हुए पुवायां (शाहजहांपुर) तक लगभग 450 किलोमीटर का निर्माण होगा, और दूसरे चरण में पुवायां से गोरखपुर तक लगभग 300 किलोमीटर का निर्माण किया जाएगा. इस परियोजना की जिम्मेदारी पहले रायबरेली यूनिट को सौंपी गई थी, जिसे अब अयोध्या यूनिट को सौंपा गया है. निर्माण कार्य को लगभग 10 पैकेजों में विभाजित किया जाएगा, जिससे इसे तेज़ी से, लगभग ढाई साल में पूरा किया जा सके.
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