US Russia News: अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बीच, रूस ने एक नया कदम उठाया है, जो साफ तौर पर अमेरिका को चेतावनी देता है. अमेरिका द्वारा रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की धमकी के बाद, रूस ने अलास्का के नजदीक अपने अत्याधुनिक Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट भेजे हैं. इस कदम को अमेरिका के लिए एक संकेत माना जा रहा है कि रूस अब किसी भी दबाव का सामना करने के लिए तैयार है.
अलास्का: अमेरिका की सबसे कमजोर कड़ी
अलास्का, जो क्षेत्रफल के हिसाब से अमेरिका का सबसे बड़ा राज्य है, अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान है. यह रूस से केवल 55 मील की दूरी पर स्थित है, और इसका अधिकतर हिस्सा बर्फीले पहाड़ों और नदियों से घिरा हुआ है. हालांकि, यह अमेरिका की वायुसेना के लिए भी एक मजबूत किला रहा है. सोवियत संघ के दौर से लेकर अब तक, अमेरिका ने यहां अपने सबसे एडवांस्ड हथियारों को तैनात किया हुआ है, जैसे कि F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II.
लेकिन, रूस के सुरक्षा एक्सपर्ट्स का मानना है कि पुतिन अब अलास्का में अमेरिकी सैन्य संरचनाओं की कमजोरी को पहचानने की योजना बना रहे हैं. रूस ने इस क्षेत्र में Su-57 स्टेल्थ फाइटर जेट भेजे हैं ताकि वह अमेरिका की सैन्य तैयारियों का निरीक्षण कर सके और किसी भी संभावित खामियों का पता लगा सके.
अमेरिकी सैन्य तैयारियों में छेद?
अलास्का में युद्ध की स्थिति में अमेरिकी सेना के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि E-7 वेजटेल एयरक्राफ्ट की खरीदी रद्द कर दी गई है. यह एयरक्राफ्ट एक अत्याधुनिक एयर सर्विलांस प्रणाली है, जिसे 360 डिग्री कवरेज और स्टेल्थ विमानों को ट्रैक करने की क्षमता के लिए जाना जाता है. लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने वित्तीय बजट के कारण इसे खरीदने से मना कर दिया. इसके चलते अब अमेरिका को E-3 Sentry विमान पर निर्भर रहना पड़ेगा, जो कि एक पुरानी तकनीक है और अलास्का के कठिन भौगोलिक क्षेत्र में पूरी तरह से प्रभावी साबित नहीं हो सकता.
अलास्का के क्षेत्र में स्थितियां कठिन हैं, जहां पहाड़, बर्फ और जंगल हैं. इस क्षेत्र में युद्ध संचालन के लिए सटीक रडार कवरेज की आवश्यकता होती है, लेकिन अमेरिका का E-3 Sentry विमान सीमित कवरेज प्रदान करता है, और इससे अमेरिकी F-22 और F-35 जैसे स्टेल्थ जेट्स को दुश्मन का सही समय पर जवाब देने में मुश्किल हो सकती है.
रूस का दबाव बढ़ता जा रहा है
रूस ने जिस प्रकार से अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए इस कदम को उठाया है, वह स्पष्ट रूप से अमेरिका को संकेत दे रहा है कि उसे अब किसी भी प्रकार के आर्थिक या सैन्य दबाव का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा. रूस का यह कदम यह भी दर्शाता है कि वह अमेरिका के अलास्का जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
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