इजरायल और अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु संयंत्रों नतांज़, इस्फ़हान और फ़ोर्डो पर हमलों ने वैश्विक राजनीति में एक बार फिर भूचाल ला दिया है. ये जगहें ईरान के यूरेनियम संवर्धन और परमाणु कार्यक्रम के केंद्र हैं, जिनका क्षतिग्रस्त होना सीधे तौर पर देश की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. लेकिन यूरेनियम संवर्धन आखिर है क्या? और यह क्यों इतना अहम माना जाता है? आइए, विस्तार से समझते हैं.
यूरेनियम और उसके आइसोटोप
हर तत्व के परमाणु में प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन होते हैं. प्रोटॉन की संख्या तत्व की पहचान करती है. यूरेनियम के परमाणु में 92 प्रोटॉन होते हैं, लेकिन न्यूट्रॉन की संख्या अलग-अलग हो सकती है, जिससे इसके विभिन्न प्रकार यानी आइसोटोप बनते हैं.
यूरेनियम के प्रमुख आइसोटोप हैं:
यूरेनियम संवर्धन क्या है?
प्राकृतिक यूरेनियम में U-235 का हिस्सा मात्र 0.72% होता है, जबकि U-238 का हिस्सा 99.27% है. “संवर्धन” का मतलब है इस मिश्रण में U-235 की मात्रा बढ़ाना, ताकि इसे परमाणु रिएक्टर या हथियारों में इस्तेमाल किया जा सके.
यह प्रक्रिया सेंट्रीफ्यूज मशीनों से की जाती है, जो गैसीय यूरेनियम को तेज़ गति से घुमाकर भारी U-238 को अलग करती हैं और हल्के U-235 को केंद्र में इकट्ठा करती हैं. इस तरह धीरे-धीरे U-235 की सांद्रता बढ़ती जाती है.
संवर्धित यूरेनियम के प्रकार और उपयोग
ईरान ने reportedly 60% तक यूरेनियम को संवर्धित करने की क्षमता हासिल कर ली है, जो उसे परमाणु हथियार बनाने के करीब पहुंचा देता है.
यूरेनियम संवर्धन की अहमियत क्यों?
यूरेनियम-235 ही वह आइसोटोप है जो विखंडन श्रृंखला प्रतिक्रिया में सक्षम होता है, जिससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है. परमाणु हथियारों में यह प्रतिक्रिया सेकंड के अंश में होती है, जिससे विस्फोट होता है. वहीं, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में इसे नियंत्रित तरीके से ऊर्जा उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय निगरानी और विवाद
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ईरान की परमाणु गतिविधियों पर निगरानी रखती है. ईरान का कहना है कि उसका यूरेनियम संवर्धन केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन IAEA और विश्व समुदाय इसे हथियार बनाने की दिशा में कदम मानते हैं. इसी वजह से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले और कड़ी नजर बनी हुई है.
यूरेनियम एक भारी, धातु जैसी ठोस तत्व है, जो प्राकृतिक रूप में पत्थर जैसा दिखता है. इसका शुद्ध रूप सिल्वर-ग्रे रंग का होता है, लेकिन हवा में ऑक्सीडाइज होकर यह काला या भूरा भी हो सकता है.
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