पहचान छुपाकर शादी, धर्म बदलने का दबाव... बिजनौर में विधवा महिला का जबरन धर्मांतरण, आरोपी गिरफ्तार

    Illegal religious conversion: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक महिला के साथ विश्वासघात और जबरन धर्मांतरण की कोशिश का गंभीर मामला सामने आया है.

    UP News Widow woman from Bijnor forcibly converted accused arrested
    Image Source: Bijnor Police

    Illegal religious conversion: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक महिला के साथ विश्वासघात और जबरन धर्मांतरण की कोशिश का गंभीर मामला सामने आया है. इस मामले ने एक बार फिर राज्य में सक्रिय धर्मांतरण सिंडिकेट और उनकी गहराई तक फैली साजिशों की ओर ध्यान खींचा है.

    पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि करीब नौ साल पहले उसके पहले पति की मृत्यु हो गई थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात एक युवक से हुई, जिसने खुद को रवि बताया. दोनों के बीच पहले दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे रिश्ते में बदली और फिर शादी कर ली गई. शादी के बाद दोनों के बच्चे भी हुए. लेकिन कुछ सालों बाद महिला को इस रिश्ते की कड़वी सच्चाई का पता चला. उसने बताया कि उसका पति, जिसे वह रवि समझ रही थी, असल में नसीम नाम का व्यक्ति है. उसने जानबूझकर अपनी असली पहचान छिपाई और महिला को धोखे में रखकर शादी की.

     

    जमा-पूंजी हड़पने और धर्म परिवर्तन का दबाव

    महिला का आरोप है कि नसीम ने न केवल उसकी जमा-पूंजी हड़प ली, बल्कि उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव भी बनाने लगा. जब महिला ने इसका विरोध किया, तो उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

    पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

    महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है.

    बिजनौर के एएसपी संजीव वाजपेयी ने बताया कि, “मामले को पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है. आरोपी की पृष्ठभूमि की जांच की जा रही है कि क्या उसने पहले भी किसी महिला को इसी तरीके से निशाना बनाया है.”

     कानून के तहत सख्त कार्रवाई की तैयारी

    पुलिस का कहना है कि मामले की पुख्ता चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी, ताकि आरोपी को उसके अपराध की सजा दिलाई जा सके. यह मामला न केवल एक महिला के साथ धोखा है, बल्कि धर्म, आस्था और कानून के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन भी है.

    क्या कहता है उत्तर प्रदेश धर्मांतरण कानून?

    2021 में लागू उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत यदि कोई व्यक्ति पहचान छुपाकर शादी करता है या बिना स्वैच्छा से धर्म परिवर्तन कराता है, तो यह गैर-जमानती अपराध माना जाता है और 10 साल तक की सजा हो सकती है.

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