अब खतरा दिखते ही हमला करेगा भारत, संयम से नहीं, आक्रामक जवाब देगा... सेना ने बनया नया युद्ध सिद्धांत

    भारत अब सुरक्षा रणनीति के उस दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां केवल प्रतिक्रिया देना काफी नहीं माना जाएगा.

    New war doctrine India will respond aggressively not with restraint
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    नई दिल्ली: भारत अब सुरक्षा रणनीति के उस दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां केवल प्रतिक्रिया देना काफी नहीं माना जाएगा. नई चुनौतियों और बदलते सैन्य समीकरणों के बीच भारत की सेनाएं अब एक नए युद्ध सिद्धांत को अपनाने जा रही हैं जो ‘धैर्य’ नहीं, बल्कि ‘प्रत्युत्तर से पहले आक्रमण’ की सोच पर आधारित होगा. यह नीति न केवल सीमाओं के पार से होने वाले आतंकी हमलों को युद्ध घोषित करेगी, बल्कि भविष्य के खतरों को भी समय से पहले निष्क्रिय करने की तैयारी को ही सैन्य रणनीति का केंद्र बनाएगी.

    भारतीय रक्षा ढांचे की इस नई दिशा का आधार बना है पिछले दो दशकों का अनुभव, जहां देश को बार-बार सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद का सामना करना पड़ा. चाहे वो 26/11 हो, उरी या पुलवामा हमला, भारत ने हर बार संयम दिखाया, लेकिन अब नीति बदल चुकी है.

    नए युद्ध सिद्धांत में स्पष्ट किया जाएगा कि आतंकी हमले सिर्फ अपराध नहीं बल्कि एक संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ ‘युद्ध की घोषणा’ माने जाएंगे. इसके पीछे चाहे कोई राज्य खड़ा हो या फिर नॉन-स्टेट एक्टर्स की आड़ में कोई सरकार, भारत अब इसे एक सैन्य चुनौती के रूप में लेगा, और उसी स्तर पर जवाब देगा.

    सामरिक संयम नहीं, अब होगा आक्रामक निरोध

    भारत की अब तक की रणनीति में ‘सामरिक संयम’ एक महत्वपूर्ण तत्व रहा है, लेकिन नए सिद्धांत में यह स्थान ले रहा है:

    • Proactive Deterrence (आक्रामक निरोध): दुश्मन को यह यकीन दिलाना कि कोई भी दुस्साहस उसे भारी पड़ेगा.
    • Preemptive Strike (पूर्व-खतरा हमला): अगर कोई खतरा मंडराता दिखे, तो उसके सामने आने से पहले ही कार्रवाई की जाएगी.
    • Preventive Action (रोकथामकारी कार्रवाई): संभावित हमले, आतंकी नेटवर्क या युद्ध की साजिशों को पहले ही नष्ट किया जाएगा.

    यह बदलाव केवल शब्दों का खेल नहीं, बल्कि भारतीय सैन्य नेतृत्व की सोच में मूलभूत रूपांतरण का संकेत है.

    फ्यूचर वॉरफेयर एनालिसिस ग्रुप: आधुनिक युद्धों की प्रयोगशाला

    इस नीति को अंतिम रूप देने के लिए सेना ने ‘फ्यूचर वॉरफेयर एनालिसिस ग्रुप’ नाम का एक विश्लेषण तंत्र बनाया है. यह ग्रुप युद्ध के उभरते पैटर्न, टेक्नोलॉजी, साइबर खतरे, ड्रोन वारफेयर और एआई आधारित निर्णयों का अध्ययन करेगा. इसके आधार पर:

    • ट्रेनिंग प्रणाली में बदलाव लाया जाएगा
    • सैन्य बलों का आधुनिकीकरण तेजी से किया जाएगा
    • रक्षा उपकरणों की खरीद रणनीतिक तौर पर की जाएगी
    • ऑपरेशनल प्लानिंग को नई दिशा मिलेगी

    ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई रणनीति की झलक

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इस नई नीति का पहला परीक्षण बनकर सामने आया. यह जवाब था पहलगाम हमले का, जिसमें भारतीय तीर्थयात्रियों पर क्रूर आतंकी हमला हुआ था.

    भारत ने शोक जताया, लेकिन सिर्फ वहीं नहीं रुका—एक सर्जिकल स्ट्राइक कर सीधे पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया कि अब हमला करने वालों के लिए कोई शरण नहीं होगी. सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने द्रास में ‘कारगिल विजय दिवस’ पर साफ कहा—“आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा. जवाब देना अब न्यू नॉर्मल है.”

    आधुनिक युद्ध: जहां हथियार नहीं, तकनीक निर्णायक

    सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने शांगरी-ला डायलॉग में यह स्पष्ट किया कि आज के युद्ध पारंपरिक नहीं रहे. तीन प्रमुख बदलाव इस नीति के पीछे का आधार हैं:

    हथियार अब हाइपरसोनिक हो चुके हैं:

    पुराने सब-सोनिक हथियार अब अप्रासंगिक हो चुके हैं. अब स्कैल्प, ब्रह्मोस, और हैमर जैसे हथियार रणनीति के केंद्र में होंगे.

    AI, Machine Learning और LLMs का युद्ध में प्रवेश:

    निर्णय अब केवल जनरल नहीं लेते, मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स भी शामिल होते हैं. युद्ध अब ‘स्मार्ट’ हो गया है.

    सेंसर टेक्नोलॉजी ने रणक्षेत्र को पारदर्शी बना दिया है:

    अब जमीन, पानी, और हवा में दुश्मन की मौजूदगी छिपाई नहीं जा सकती. दोनों पक्षों को लगभग समान जानकारी होती है.

    साइकोलॉजिकल और मीडिया वारफेयर भी रणनीति

    नया युद्ध सिद्धांत केवल मिसाइलों और सैनिकों की बात नहीं करता, यह ‘नैरेटिव वॉरफेयर’ को भी उतना ही महत्वपूर्ण मानता है.

    भारत इस बार सिर्फ मैदान में नहीं, दिमाग और डिजिटल स्पेस में भी लड़ाई लड़ेगा.

    • दुश्मन की झूठी खबरों का तुरंत खंडन
    • सही सूचना से जनता को जागरूक बनाना
    • साइबर हमलों को रोकना
    • सोशल मीडिया पर सही नैरेटिव बनाना

    यह सब अब सैन्य रणनीति का हिस्सा बनेगा.

    एक नई सैन्य संस्कृति की ओर भारत

    भारतीय सैन्य बल अब खुद को एक ऐसी संस्कृति में ढाल रहे हैं जहां कार्रवाई की सीमा अब सिर्फ आत्मरक्षा तक नहीं सीमित रहेगी. भविष्य के खतरे को पहचान कर, पहले ही ठोस जवाब देना अब भारत की प्राथमिकता है.

    इस नीति के तहत:

    • दुश्मन कभी अंदाजा नहीं लगा पाएगा कि किस उकसावे पर भारत कितना और कब जवाब देगा.
    • सैन्य कार्रवाई केवल सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रत्येक रणनीतिक क्षेत्र—साइबर, समुद्र, अंतरिक्ष और सूचना—में फैलेगी.

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