उत्तर प्रदेश सरकार सड़क नेटवर्क को मजबूत करने और राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला एक नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है. यह 90 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे न केवल राज्य का सबसे महंगा लिंक एक्सप्रेसवे होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और कनेक्टिविटी को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा. इस परियोजना की अनुमानित लागत ₹7,500 करोड़ है, जो इसे प्रति किलोमीटर ₹80-83 करोड़ की लागत के साथ एक हाई-टेक परियोजना बनाती है.
लागत के पीछे की वजह: हाई-टेक सुविधाएं
इस लिंक एक्सप्रेसवे को अत्याधुनिक और भविष्योन्मुखी बनाने के लिए कई उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है. इसमें शामिल हैं अत्याधुनिक जल निकासी प्रणाली, जो बरसात के दौरान सड़क को सुरक्षित और टिकाऊ बनाएगी. इसके अलावा, सड़क किनारे बाड़बंदी (फेंसिंग) की जाएगी ताकि जानवरों को सड़क पार करने से रोका जा सके, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी. इस एक्सप्रेसवे पर 29 प्रमुख पुलों का निर्माण भी होगा, जो इसे और अधिक मजबूत बनाएगा. ग्रीनफील्ड तकनीक का उपयोग करके बनाया जा रहा यह मार्ग नई भूमि पर निर्मित होगा, जिससे निर्माण में गुणवत्ता और स्थायित्व सुनिश्चित होगा. इन सभी आधुनिक सुविधाओं के कारण इसकी लागत गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (₹7,300 करोड़) से भी अधिक है.
कनेक्टिविटी का नया द्वार
यह नया लिंक एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा. यह न केवल स्थानीय यात्रियों के लिए समय और सुविधा बचाएगा, बल्कि दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार की यात्रा को भी आसान बनाएगा. विशेष रूप से फर्रुखाबाद और आसपास के जिलों के लिए यह परियोजना एक वरदान साबित होगी. यह क्षेत्र कृषि आधारित उद्योगों के लिए जाना जाता है, और इस एक्सप्रेसवे के बनने से इन उद्योगों को नया बाजार और बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
आर्थिक गलियारे के रूप में उभरता मार्ग
यह एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं, बल्कि एक आर्थिक गलियारा (इकॉनमिक कॉरिडोर) है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना पूर्वी भारत में व्यापार, परिवहन और निवेश को गति देगी. यह मार्ग औद्योगिक विकास, कृषि क्षेत्र और लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस तरह, यह नया लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को आर्थिक समृद्धि की ओर ले जाने में एक मील का पत्थर साबित होगा.
उत्तर प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेसवे
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