UP News: अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों में आई गर्माहट अब उत्तर प्रदेश की आर्थिक तस्वीर को भी बदलने जा रही है. अमेरिका द्वारा भारत पर बढ़ाए गए टैरिफ के बीच अब रूस के साथ कारोबारी रिश्ते और मज़बूत हो रहे हैं. इस नए समीकरण में उत्तर प्रदेश एक अहम कड़ी के रूप में उभरकर सामने आ रहा है, जहां रूसी कंपनियां बड़े स्तर पर निवेश करने जा रही हैं. इसका सीधा फायदा प्रदेश के युवाओं को रोज़गार के रूप में मिलेगा.
मास्को से आया आमंत्रण
रविवार को मास्को सरकार के निवेश और उद्योग नीति विभाग के मंत्री अनातोली मिखाइलीविच ने उत्तर प्रदेश सरकार को रूस आने का आधिकारिक आमंत्रण सौंपा. यह आमंत्रण औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' को प्रदान किया गया. इसके तहत जल्द ही यूपी सरकार का प्रतिनिधिमंडल रूस का दौरा करेगा, जहां निवेश और औद्योगिक संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
निवेशकों को मिलेगा हर संभव सहयोग
इस आमंत्रण पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री नंदी ने कहा कि, "उत्तर प्रदेश अब देश का ग्रोथ इंजन बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है. ऐसे में हम रूस से आए इस अवसर का पूरी तरह स्वागत करते हैं. यूपी सरकार रूसी निवेशकों को हर तरह की सुविधा और सहयोग उपलब्ध कराएगी." मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस साझेदारी से न सिर्फ औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर हज़ारों रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
टेक्नोपोलिस मास्को की नोएडा में एंट्री की तैयारी
रूस के प्रतिनिधिमंडल ने जानकारी दी कि वे नोएडा में ‘टेक्नोपोलिस मास्को’ के विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) की एक शाखा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. यह पहल भारत के 'मेक इन इंडिया' अभियान के प्रति रूस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. रूस इस मिशन से काफी प्रभावित है और सीधे तौर पर इससे जुड़ना चाहता है. इसी वजह से कई रूसी कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपने औद्योगिक ठिकाने बनाने को उत्सुक हैं.
आर्थिक सहयोग को मिलेगी नई ऊंचाई
रूस और भारत के बीच यह सहयोग सिर्फ औद्योगिक नहीं बल्कि सामरिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम है. उत्तर प्रदेश में रूसी निवेश से न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को भी नई मजबूती मिलेगी.
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