Cabinet Decision For Ujjawala Subsidiary: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत सब्सिडी बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में इस योजना के तहत करीब 10.33 करोड़ परिवारों को राहत देने वाले इस फैसले को हरी झंडी मिली है.
प्रति सिलेंडर ₹300 की सब्सिडी
मई 2016 में शुरू हुई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का मकसद गरीब परिवारों की महिलाओं को बिना किसी सुरक्षा जमा के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना था. अब इस योजना के तहत लाभार्थियों को हर सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी मिलेगी. कैबिनेट ने वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान प्रति लाभार्थी 9 सिलेंडरों पर यह सब्सिडी देने का निर्णय लिया है, जिससे कुल खर्च लगभग 12,000 करोड़ रुपये आएगा.
स्वच्छ रसोई ईंधन से जुड़ी सामाजिक और आर्थिक चुनौती
भारत अपनी लगभग 60 प्रतिशत रसोई गैस जरूरतें आयात करता है. ऐसे में इस योजना के तहत सब्सिडी देना न सिर्फ गरीब परिवारों के लिए आर्थिक मदद है, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक समावेशन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण कदम है. इस योजना से पारंपरिक ईंधन जैसे लकड़ी और कोयले के इस्तेमाल में कमी आएगी, जिससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी जोखिम कम होंगे बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी.
महिलाओं के जीवन में सुधार का माध्यम
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का असली उद्देश्य गरीब परिवारों की महिलाओं को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है. इससे महिलाएं धुआं और प्रदूषण से बचेंगी, उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा और घरेलू काम भी सुगम होगा. इसके अलावा यह योजना महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है.
सरकार की सफलता और आगे के लक्ष्य
उज्ज्वला योजना ने अपने शुरूआती वर्षों में ही देश के लाखों परिवारों के जीवन में बदलाव लाया है. लगभग 10.33 करोड़ कनेक्शन वितरित कर सरकार ने साबित किया है कि योजनाओं का प्रभाव जमीन तक पहुंच रहा है. अब सब्सिडी के विस्तार से यह प्रभाव और बढ़ेगा, जिससे और अधिक परिवार स्वच्छ ईंधन का लाभ उठा पाएंगे.
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