India Pakistan War Tensions: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालात इस वक्त बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं. बीते गुरुवार और शुक्रवार की रात पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने की कोशिश की और जम्मू, पठानकोट, जैसलमेर समेत कई क्षेत्रों को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाया. हालांकि भारतीय सेना की सतर्कता के चलते इन सभी हमलों को समय रहते निष्फल कर दिया गया.
इसके बाद भारत ने सख्त प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के लाहौर, इस्लामाबाद और रावलपिंडी में स्थित आतंकी और सैन्य ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की. रक्षा मंत्रालय की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर कदम उठाने को तैयार है.
एर्दोगन ने फिर दिखाई पाकिस्तान से 'भाईचारे' की हमदर्दी
पाकिस्तान की इन हरकतों के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने बयान देकर एक बार फिर इस्लामाबाद के पक्ष में झुकाव दिखाया है. एक्स (पूर्व ट्विटर) पर उन्होंने चिंता जताई कि भारत-पाक तनाव कहीं भीषण संघर्ष में न बदल जाए, जिससे बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हो सकता है. एर्दोगन ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पाकिस्तान में हुए हमलों पर संवेदना भी जताई और कहा "हम अपने पाकिस्तानी भाइयों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. शहबाज शरीफ से मेरी फोन पर अहम बातचीत हुई. हम जम्मू-कश्मीर हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की पाकिस्तान की मांग का समर्थन करते हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि तुर्की तनाव कम करने और संवाद को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. इस बीच उन्होंने ये भी कहा कि कुछ लोग आग में घी डालने का काम कर रहे है. इससे पहले कि घटनाएं ऐसी स्थिति में पहुंच जाएं जहां से वापसी संभव न हो.
‘हमारे सब्र की भी सीमा है’
भारत ने पाकिस्तान की हर कोशिश को नाकाम करते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद और आक्रामकता का माकूल जवाब देने के लिए तैयार है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि “पाकिस्तान की ओर से मिसाइल और ड्रोन से हमले की कोशिश की गई थी जिसे हमारे सुरक्षा बलों ने SOP के तहत समय रहते निष्क्रिय कर दिया. भारत अपने नागरिकों और सैन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा.”
इस बीच रातभर जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रों जैसे अखनूर, सांबा, बारामुला और कपवाड़ा में सायरन बजते रहे. सेना ने वायु सर्तकता अभियान चलाकर आकाश से आ रहे खतरों को टारगेट किया और प्रभावी तरीके से नाकाम किया.
तुर्की की 'पक्षधरता' पर उठ रहे सवाल
भारत में सुरक्षा विश्लेषकों और कूटनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि तुर्की बार-बार पाकिस्तान की हमदर्दी क्यों लेता है, जबकि आतंकी गतिविधियों की सबसे ज्यादा मार भारत को ही झेलनी पड़ती है. एर्दोगन का यह रवैया तनाव कम करने से ज्यादा एक पक्ष विशेष को बढ़ावा देने जैसा देखा जा रहा है.
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