India War tensions: भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच बलूचिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं का केंद्र बन गया है. इस बार किसी विद्रोही संगठन की नहीं, बल्कि एक प्रमुख बलूच लेखक मीर यार बलूच की आवाज़ ने हलचल मचा दी है. उन्होंने पाकिस्तान से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का ऐलान करते हुए भारत और संयुक्त राष्ट्र से कई अहम मांगें रखी हैं. मीर यार बलूच ने यह घोषणा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर करते हुए अंतरराष्ट्रीय समर्थन की अपील की है.
भारत से नई दिल्ली में बलूचिस्तान दूतावास खोलने की मांग
मीर यार बलूच ने भारत सरकार से अपील की है कि बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी जाए और भारत की राजधानी में बलूच दूतावास की स्थापना की अनुमति दी जाए. उनका कहना है कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तानी शासन का हिस्सा नहीं है और उसने औपचारिक रूप से स्वतंत्रता की घोषणा कर दी है.
संयुक्त राष्ट्र से शांति सेना और मान्यता की मांग
बलूच नेता ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह बलूचिस्तान में संयुक्त राष्ट्र शांति बल तैनात करे और पाकिस्तानी सेना तथा सभी गैर-बलूच सुरक्षा एजेंसियों को वहां से बाहर निकाले. उनका कहना है कि बलूचिस्तान में अब केवल बलूच नेतृत्व और जनशक्ति को ही शासन का अधिकार होना चाहिए.
जल्द बनेगी अंतरिम सरकार, महिलाएं भी होंगी शामिल
मीर यार बलूच ने यह भी जानकारी दी कि एक स्वतंत्र बलूचिस्तान की अंतरिम सरकार का गठन जल्द किया जाएगा. उन्होंने यह आश्वासन दिया कि इस सरकार में महिलाओं को बराबर प्रतिनिधित्व मिलेगा. इसके अलावा, एक भव्य स्वतंत्रता समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें विश्व के मित्र देशों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा.
पाकिस्तान की गैस फील्ड पर बलूच विद्रोहियों का हमला
बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने पाकिस्तान के डेरा बुगती गैस फील्ड पर हमला कर दिया है. यह क्षेत्र पाकिस्तान की ऊर्जा आपूर्ति का एक मुख्य स्रोत है, जहां 100 से अधिक गैस कुएं हैं. इस हमले को बलूच प्रतिरोध की रणनीतिक शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.
“हमारी भी फौज है” – मीर यार बलूच का तीखा संदेश
अपने संदेश में मीर यार बलूच ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए लिखा, “अगर तेरे पास सेना है, तो हमारे पास भी बलूच फौज है.” उन्होंने दावा किया कि बलूच लड़ाकों ने हाल ही में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है.
अंतरराष्ट्रीय मान्यता और आर्थिक मदद की अपील
बलूच नेता ने संयुक्त राष्ट्र से विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि बलूचिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई जा सके. उन्होंने यह भी अपील की कि स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए मुद्रा और पासपोर्ट छापने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए.
क्या बदलेगा दक्षिण एशिया का भू-राजनीतिक संतुलन?
बलूचिस्तान का यह दावा पाकिस्तान के लिए तो बड़ा झटका है ही, साथ ही यह भारत और दक्षिण एशियाई राजनीति के लिए भी एक नया मोड़ हो सकता है. यदि भारत इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देता है, तो इससे क्षेत्रीय समीकरण पूरी तरह बदल सकते हैं.
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