अंकारा: मध्य पूर्व में तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंचता दिख रहा है. तुर्की ने इजरायल के साथ अपने सभी आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को पूर्ण रूप से समाप्त करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही, तुर्की ने इजरायली विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को भी बंद कर दिया है जो इस क्षेत्र में हवाई और कूटनीतिक संपर्कों के लिए एक महत्वपूर्ण झटका माना जा रहा है.
यह निर्णय तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता में लिया और इसे तुर्की की "नैतिक और रणनीतिक प्रतिबद्धता" बताया. तुर्की का कहना है कि यह कदम उस देश के खिलाफ है जो "मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और क्षेत्रीय अस्थिरता फैला रहा है."
हवाई क्षेत्र की बंदी से इजरायली उड़ानों को झटका
तुर्की के हवाई क्षेत्र से इजरायली विमानों का गुजरना अब पूरी तरह प्रतिबंधित हो गया है. इसका सीधा असर उन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पड़ेगा जो इजरायल से जॉर्जिया, अजरबैजान, मध्य एशिया और यूरोप की ओर जाती हैं.
विशेषज्ञों के मुताबिक, इन उड़ानों को अब वैकल्पिक मार्ग अपनाने होंगे जिससे यात्रा का समय 1.5 से 2 घंटे तक बढ़ सकता है. इससे ईंधन लागत, लॉजिस्टिक्स और उड़ान टिकटों के दाम पर असर पड़ना तय है.
बंदरगाहों पर भी कड़ी निगरानी
इस कड़े फैसले से पहले ही तुर्की के बंदरगाहों पर शिपिंग कंपनियों से यह लिखित आश्वासन लेना शुरू हो गया था कि उनका जहाज़ इजरायल से किसी प्रकार का संबंध नहीं रखता- न तो माल से, न ही गंतव्य से, और न ही किसी सैन्य या संवेदनशील सामग्री से. यह दर्शाता है कि तुर्की ने इजरायल के खिलाफ समुद्री स्तर पर भी सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया था.
इसका असर वैश्विक शिपिंग लॉजिस्टिक्स पर पड़ सकता है, खासकर उन जहाजों पर जो मेडिटेरेनियन सी (भूमध्य सागर) होकर गुजरते हैं और तुर्की के पोर्ट्स का इस्तेमाल करते हैं.
इजरायल का रुख: तुर्की पहले भी ऐसा कर चुका है
इजरायल की ओर से इस निर्णय पर संयमित प्रतिक्रिया दी गई है. जेरूसलम पोस्ट के हवाले से एक इजरायली अधिकारी ने कहा है कि, "तुर्की पहले भी इस तरह की घोषणाएं कर चुका है, लेकिन व्यवहारिक रूप से रिश्ते चलते रहे. हमें देखना होगा कि इस बार वह कितना दूर तक जाता है."
हालांकि इस बार तुर्की के कदमों में ज़मीन पर स्पष्ट कार्रवाई देखी जा रही है, और यह सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित नहीं लगता.
7 अरब डॉलर के व्यापारिक संबंध पहले ही समाप्त
2024 में गाजा में हुए संघर्ष के दौरान भी तुर्की ने इजरायल के साथ लगभग 7 अरब डॉलर के वार्षिक व्यापारिक रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया था. उस समय यह कदम प्रतीकात्मक माना गया था, लेकिन अब हवाई और समुद्री प्रतिबंधों के साथ, यह स्पष्ट हो गया है कि तुर्की इजरायल को राजनीतिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करने की दिशा में गंभीर है.
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