मध्य पूर्व (मिडिल ईस्ट) में एक बार फिर हालात तनावपूर्ण हो गए हैं. अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अपनी सैन्य ताकत दिखानी शुरू कर दी है. यह सिर्फ एक रक्षात्मक तैयारी नहीं, बल्कि ईरान के लिए एक सीधी चेतावनी मानी जा रही है. अमेरिका ने जिस तरह से अपनी सेनाएं तैनात की हैं, उससे साफ हो गया है कि अब वह सिर्फ बातों से काम नहीं चलाना चाहता.
अमेरिका की बड़ी सैन्य तैयारी
अमेरिका ने अपने घातक बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर्स के 6 यूनिट हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया द्वीप पर तैनात कर दिए हैं. साथ ही, इजरायल की सुरक्षा के लिए THAAD एयर डिफेंस सिस्टम भी लगाया गया है, जो बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को रोक सकता है.
इसके अलावा, दो शक्तिशाली अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर भी मिडिल ईस्ट में तैनात हैं — USS Carl Vinson और USS Harry S. Truman. USS Carl Vinson के पास 90 फाइटर जेट्स और 6000 से ज्यादा सैनिक हैं. इसमें F-35C स्टील्थ फाइटर जेट, F/A-18, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक विमान EA-18G, हॉकआई कमांड प्लेन और MH-60R/S हेलीकॉप्टर जैसे आधुनिक हथियार शामिल हैं. साथ ही इसमें मिसाइल क्रूजर प्रिंसटन और विध्वंसक जहाज स्टेरेट भी हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में यह जहाज मलक्का जलडमरूमध्य पार करता हुआ देखा गया है, और अब ये ऑपरेशन की तैयारी में है, जो ईरान के तट के पास हो सकता है.
बातचीत से पहले बढ़ा तनाव
अमेरिका और ईरान के बीच शनिवार को ओमान में बातचीत होनी है, जो परमाणु समझौते को लेकर है. हालांकि इस बातचीत को लेकर कई पेचीदगियां हैं: ईरान की सरकारी टीवी ने साफ कर दिया है कि इस बैठक की कोई भी तस्वीर जारी नहीं की जाएगी. इससे संकेत मिलता है कि बैठक आमने-सामने हो सकती है, जिसे पहले ईरान नकार चुका था. ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे कूटनीति को मौका देना चाहते हैं और अमेरिका को इस रुख की सराहना करनी चाहिए. ईरान के एक वरिष्ठ सलाहकार अली शमखानी ने कहा कि ये वार्ता प्रत्यक्ष नहीं होगी, लेकिन विदेश मंत्री को अप्रत्यक्ष बातचीत की पूरी छूट दी गई है.
मिलिशिया और मिसाइल कार्यक्रम पर चर्चा की संभावना
एक राजनयिक सूत्र के अनुसार, ईरान अब अपने समर्थित मिलिशिया समूहों पर बात करने के लिए तैयार हो गया है, क्योंकि वह मानता है कि वे अपने मकसद पूरे करने में विफल रहे हैं. अब ईरान का ध्यान अपने मिसाइल प्रोग्राम की सुरक्षा पर है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर परमाणु मुद्दे पर कोई ठोस प्रगति नहीं होती, तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई कर सकता है.
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