ट्रंप के टैरिफ से दुनिया में हड़कंप, महंगाई और मंदी की चिंता! क्या दूसरी बार Loan EMI कम करेगा RBI?

    Loan EMI: आज, यानी 9 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में वित्त वर्ष की पहली नीति की घोषणा की जाएगी.

    Trump tariffs cause panic worries of inflation and recession Will RBI reduce loan EMI
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    Loan EMI: आज, यानी 9 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में वित्त वर्ष की पहली नीति की घोषणा की जाएगी. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा इस पॉलिसी का ऐलान करेंगे. यह बैठक इस समय हो रही है, जब पूरी दुनिया अमेरिकी टैरिफ के कारण महंगाई और मंदी की चपेट में आ सकती है, और इसकी संभावना 50% से भी ज्यादा जताई जा रही है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आरबीआई गवर्नर महंगाई को लेकर चिंतित होते हुए पॉलिसी रेट को स्थिर रखेंगे, या फिर आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो रेट में कटौती करेंगे?

    अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई इस बार पॉलिसी रेट में 0.25% से 0.50% तक की कटौती कर सकता है. इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है. हालांकि, महंगाई के आंकड़े अब तक ठीक-ठाक दिख रहे हैं, और मार्च में महंगाई दर लगभग 4% के आसपास रहने का अनुमान है. ऐसे में पॉलिसी रेट में कटौती से कोई गंभीर परेशानी नहीं होनी चाहिए. कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि आरबीआई जून तक महंगाई के आंकड़ों को देखकर पॉलिसी में बदलाव पर रोक भी लगा सकता है.

    वहीं, पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने में आरबीआई ने 0.25% की कटौती की थी, और विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार भी ऐसा ही हो सकता है. अब, आइए जानते हैं इस मामले में प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का क्या कहना है.

    विशेषज्ञों की राय

    एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वे उम्मीद करते हैं कि आरबीआई अप्रैल में 0.25% की रेपो दर में कटौती करेगा. इसके अलावा, गोल्डमैन सैक्स ने भी इसी प्रकार की कटौती की उम्मीद जताई है, और इसके पीछे महंगाई में नरमी और ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रेंट क्रूड ऑयल और डॉलर इंडेक्स में गिरावट के कारण घरेलू गतिविधियों में भी नरमी आई है, जो कि आरबीआई के लिए राहत देने के अनुकूल माहौल तैयार करती है.

    आरबीआई की बैठक क्यों अहम है?

    यह बैठक इस समय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर अमेरिकी टैरिफ का असर देखा जा रहा है, जिससे मंदी आने की संभावना जताई जा रही है. ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाए हैं, जिसमें भारत पर 26% का टैरिफ है. इस कारण से भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. इस बैठक में आरबीआई इन वैश्विक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए अपने फैसले ले सकता है.

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