कहीं सुलझा रहे तो कहीं उल्झा रहे ट्रंप! पुतिन को घेरने के लिए ब्रिटेन में भेजे परमाणु हथियार

    यूक्रेन युद्ध ने यूरोप की सुरक्षा को झकझोर कर रख दिया है. अब महाद्वीप के तमाम देश न केवल रक्षा बजट में तेज़ी से इज़ाफा कर रहे हैं, बल्कि रूस से संभावित टकराव की तैयारी भी कर रहे हैं. इस बीच ब्लूमबर्ग की एक ताजा रिपोर्ट ने भूराजनीतिक समीकरणों में बड़ा उलटफेर कर दिया है और रूस की चिंता को बढ़ा दिया है.

    Trump sends nuclear bomb to britain after giving ultimatum to russia
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    यूक्रेन युद्ध ने यूरोप की सुरक्षा को झकझोर कर रख दिया है. अब महाद्वीप के तमाम देश न केवल रक्षा बजट में तेज़ी से इज़ाफा कर रहे हैं, बल्कि रूस से संभावित टकराव की तैयारी भी कर रहे हैं. इस बीच ब्लूमबर्ग की एक ताजा रिपोर्ट ने भूराजनीतिक समीकरणों में बड़ा उलटफेर कर दिया है और रूस की चिंता को बढ़ा दिया है.

    रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका ने लगभग डेढ़ दशक बाद पहली बार ब्रिटेन की धरती पर परमाणु हथियारों की तैनाती की है. यह कदम सीधे तौर पर रूस को एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि 16 जुलाई को एक अमेरिकी सैन्य परिवहन विमान, न्यू मैक्सिको स्थित किर्टलैंड एयर फ़ोर्स बेस (जो परमाणु शस्त्र भंडारण के लिए प्रसिद्ध है) से उड़ान भरकर पूर्वी इंग्लैंड के RAF Lakenheath एयरबेस पहुंचा.

    15 साल बाद अमेरिका की परमाणु वापसी, ब्रिटेन में फिर सक्रिय हथियार?

    सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि इस विमान में B61-12 थर्मोन्यूक्लियर बम मौजूद थे — यह वही हथियार हैं जो बेहद उन्नत और लक्ष्य-सटीक परमाणु बम माने जाते हैं. नाटो के पूर्व वरिष्ठ हथियार नियंत्रण अधिकारी विलियम अल्बर्क के मुताबिक, विमान का ट्रांसपोंडर चालू रखना कोई संयोग नहीं था, बल्कि यह एक रणनीतिक संदेश था मास्को के लिए. उनके अनुसार यह इस बात का साफ संकेत है कि नाटो अब केवल शब्दों तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि प्रभावी सैन्य निवारक क्षमताओं को फिर से सक्रिय करने की दिशा में बढ़ रहा है.

    न आधिकारिक पुष्टि, न संख्या का खुलासा

    अमेरिका और ब्रिटेन  दोनों सरकारों ने अब तक इस रिपोर्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, और न ही यह बताया गया है कि कितने परमाणु हथियार तैनात किए गए हैं. लेकिन जानकारों के अनुसार, शीत युद्ध समाप्ति के बाद से पश्चिमी यूरोप में नाटो की परमाणु नीति स्थिर बनी रही है, और ये तैनाती अगर सच है, तो इसे रणनीतिक संतुलन में बड़ी हलचल माना जाएगा.

    ब्रिटेन खरीद रहा अमेरिकी परमाणु क्षमता वाले F-35A विमान

    ब्लूमबर्ग रिपोर्ट ऐसे वक्त में आई है जब ब्रिटेन ने अमेरिका से 12 F-35A लड़ाकू विमान खरीदने की पुष्टि की है, जो कि B61-12 बम ले जाने में सक्षम हैं. लंदन ने इसे अपनी परमाणु सुरक्षा नीति में दशकों बाद सबसे बड़ा परिवर्तन बताया है.

    नाटो की नई नीति: परमाणु पुनर्संतुलन?

    नाटो के पूर्व महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने पहले ही यह कह दिया था कि रूस और चीन की बढ़ती आक्रामकता को देखते हुए नाटो परमाणु हथियारों की नई तैनाती पर विचार कर रहा है. अब ताजा घटनाक्रम यह दर्शाता है कि यह विचार धीरे-धीरे अमल में बदला जा रहा है.

    क्या यह तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी है?

    भू-राजनीति पर नज़र रखने वाले कई विश्लेषकों का मानना है कि अगर परमाणु हथियारों की ऐसी गतिविधियाँ तेज़ होती हैं, तो यह सिर्फ सैन्य तैयारी नहीं बल्कि युद्ध की पूर्व भूमिका बन सकती है. रूस की सीमाओं के इतने पास इस तरह की तैनाती को मॉस्को उकसावे की कार्रवाई मान सकता है, जिससे हालात और बिगड़ने की संभावना बनती है.

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