हथियारों से नहीं 'सुपर गुब्बारे' से लड़ेगा ब्रिटेन, ताकत ऐसी F-35 होगा फेल! पत्‍ता हिलते ही लेगा एक्‍शन

    हथियारों की होड़ में एक नई और चौंकाने वाली एंट्री हुई है. अब तक आप सिर्फ फाइटर जेट्स, मिसाइलों और भारी-भरकम बमों के बारे में सुनते आए हैं, अब एक ऐसा हथियार बनाया गया है, जो आसमान में इतनी ऊंचाई से अपना काम करेगा कि उसे पकड़ पाना भी आसान नहीं होगा.

    Britain made spy balloons targets from 80 thousand feet
    Image Source: Social Media

    हथियारों की होड़ में एक नई और चौंकाने वाली एंट्री हुई है. अब तक आप सिर्फ फाइटर जेट्स, मिसाइलों और भारी-भरकम बमों के बारे में सुनते आए हैं, अब एक ऐसा हथियार बनाया गया है, जो आसमान में इतनी ऊंचाई से अपना काम करेगा कि उसे पकड़ पाना भी आसान नहीं होगा. ये हथियार बना या है ब्रिटेन ने, जो अपने सैन्य बेड़े को मजबूत करने की कवायद में लगा हुआ है. उसने कुछ समय पहले ही अपना रक्षा बजट भी बढ़ाया था.

    ब्रिटेन अब आसमान में जासूसी करने वाले सुपर गुब्बारे तैयार कर लिए हैं. ये अनक्रूड यानी बिना पायलट के चलने वाले हाई-टेक गुब्बारे धरती से 80,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं. ये ऊंचाई एक सामान्य हवाई जहाज की ऊंचाई से लगभग दोगुनी है. इतनी ऊंचाई पर होकर भी ये सुपर बैलू्न दुश्मन की गतिविधियों पर पैनी नजर रख सकते हैं. दिलचस्प ये है कि इनकी लागत भी काफी कम है.


    क्या-क्या करेंगे ये सुपर गुब्बारे?

    ये सुपर गुब्बारे सिर्फ देखने-सुनने वाले नहीं हैं, बल्कि इन्हें इंटरनेट सर्विस, डेटा ट्रांसमिशन और लंबी दूरी की निगरानी जैसी भूमिकाओं के लिए भी तैयार किया गया है. सीधे शब्दों में कहें तो ये एक साथ जासूसी, संचार और निगरानी भी कर सकते हैं. खास बात ये है कि इनके लिए न तो ज्यादा खर्च की जरूरत है और न ही मरम्मत की. ब्रिटेन की रक्षा खरीद और उद्योग मंत्री मारिया ईगल के मुताबिक, यह तकनीक ब्रिटिश सेनाओं को बेहतर जागरूकता, बेहतर संचार और कम रखरखाव जैसी रणनीतिक बढ़त दिलाएगी. उन्होंने कहा कि मुश्किल से मुश्किल हालातों में यह तकनीक सैनिकों को ज्यादा सुरक्षित और अपडेटेड रख सकती है.

    कहां पर हुआ ट्रायल?

    आपको बता दें कि दो साल पहले अमेरिका ने अपने इलाके में उड़ रहे एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. उसके बाद से ही पश्चिमी देश ऐसे विकल्पों पर काम कर रहे थे जो उनकी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा कर सकें. ब्रिटेन के ये नए गुब्बारे उसी दिशा में एक बड़ा कदम माने जा रहे हैं. इन गुब्बारों का सफल परीक्षण अमेरिका के साउथ डकोटा में हुआ है. इसके बाद ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय अब ऐसे वेरिएंट्स विकसित कर रहा है जो 6 से 12 महीने तक उड़ान में रह सकें और भारी पेलोड ले जा सकें.

    यूके डिफेंस इनोवेशन टीम के प्रमुख जेम्स गेविन ने कहा कि ये परीक्षण रक्षा क्षेत्र की नई सोच और संभावनाओं की ओर एक मजबूत इशारा है. जहां दुनिया अभी भी पारंपरिक ड्रोन और सैटेलाइट्स पर निर्भर है, वहीं ब्रिटेन का यह हाई-एल्टीट्यूड सुपर बैलून कार्यक्रम हथियारों की नई पीढ़ी का संकेत है. यह ना सिर्फ जासूसी का स्वरूप बदल देगा, बल्कि युद्ध की रणनीतियों को भी बदलेगा. वैसे तो ये पहरेदारी का काम करेगा लेकिन जरूरत पड़ने पर हथियार भी बन सकता है.

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