अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर खुद को वैश्विक शांति स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नेता बताया है. हाल ही में व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक ऑडियो क्लिप में ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने अब तक आठ अलग-अलग युद्धों को टालने या खत्म कराने में योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि वे यह सब नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नहीं, बल्कि लाखों लोगों की जान बचाने के इरादे से करते हैं.
ट्रंप इस समय मध्य पूर्व में जारी गाजा संघर्ष को शांत कराने के प्रयासों के सिलसिले में इज़राइल और मिस्र की यात्रा पर हैं. उनका कहना है कि वे युद्ध और संघर्ष रोकने में निपुण हैं, और इसके लिए किसी पुरस्कार की लालसा नहीं रखते.
नोबेल के लिए नहीं, मानवता के लिए- ट्रंप
ट्रंप ने कहा, "मैंने जो किया वो सिर्फ शांति के लिए था. नोबेल शांति पुरस्कार भले ही मुझे न मिला हो, लेकिन मैंने कभी इसके लिए काम नहीं किया. मैंने युद्धों को रोका, लाखों जानें बचाईं, ये मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है."
उन्होंने यह भी कहा कि नोबेल पुरस्कार 2024 के लिए तय किए गए थे, जबकि उनके अधिकांश शांति प्रयास वर्ष 2025 में हुए हैं. इसलिए उन्हें सम्मानित न किए जाने पर उन्हें कोई पछतावा नहीं है.
अफगानिस्तान-पाकिस्तान संघर्ष पर टिप्पणी
ट्रंप ने इस दौरान यह भी दावा किया कि उन्हें जानकारी मिली है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी सीमा पर तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "मैंने उन्हें कहा है कि मेरे लौटने तक इंतजार करें, क्योंकि मैं वहां की स्थिति को भी शांत करवा दूंगा. मैं युद्धों को सुलझाने में माहिर हूं."
यह बयान ऐसे समय आया है जब गाजा पट्टी में इज़राइल और हमास के बीच चल रही लड़ाई के पहले चरण के युद्धविराम की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
भारत-पाकिस्तान पर ट्रंप का पुराना दावा
अपने वक्तव्य में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए पिछले तनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "मैंने भारत और पाकिस्तान दोनों को चेतावनी दी थी कि अगर युद्ध नहीं रुका तो मैं दोनों देशों पर 100%, 150%, यहां तक कि 200% तक टैरिफ लगा दूंगा. इसके बाद ही मामला 24 घंटे के भीतर शांत हो गया."
ट्रंप का मानना है कि उनका सख्त आर्थिक रवैया ही शांति कायम करने का हथियार रहा है.
गाजा युद्ध: ट्रंप की कूटनीतिक पहल
गाज़ा पट्टी में दो साल से चल रहे इज़राइल-हमास संघर्ष के समाधान की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है. सीजफायर समझौते के पहले चरण में इज़राइली सेना ने गाज़ा से प्रारंभिक वापसी शुरू कर दी है. इसके बदले हमास 48 बंधकों को रिहा करेगा, जिनमें से 20 जिंदा हैं जबकि 28 के शव लौटाए जाएंगे.
गाज़ा से यह पहली वापसी 2 साल बाद हो रही है, जिसे ट्रंप के नेतृत्व में तैयार किए गए 20 सूत्री शांति योजना का हिस्सा माना जा रहा है.
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