अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अमेरिका की तकनीकी कंपनियों को खरी-खरी सुनाई है. ट्रंप ने सीधा आरोप लगाया कि इन कंपनियों ने चीन में फैक्ट्रियां खोलकर, भारत में नौकरियां देकर और आयरलैंड में टैक्स में कटौती करके अमेरिका को धोखा दिया है. उनका साफ कहना है कि उनके नेतृत्व में अब ऐसा करने के दिन 'गुज़रे ज़माने की बात' हो चुके हैं.
यह बयान ट्रंप ने हाल ही में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिखर सम्मेलन में दिया, जहां उन्होंने एआई से जुड़े तीन कार्यकारी आदेशों पर भी दस्तखत किए. इन आदेशों के ज़रिए उन्होंने अमेरिका में एआई तकनीक को विकसित करने और उसके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति की शुरुआत की.
AI सम्मेलन में की सख्त टिप्पणी, किए तीन अहम आदेशों पर हस्ताक्षर
'कट्टरपंथी वैश्वीकरण' पर भी साधा निशाना ट्रंप ने सम्मेलन में कहा, "बहुत लंबे समय से अमेरिकी टेक इंडस्ट्री वैश्वीकरण की राह पर चलती रही है. इसका नतीजा ये हुआ कि करोड़ों अमेरिकी नागरिक खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं." उन्होंने आगे कहा, "हमारी ही कंपनियों ने अमेरिका के बाहर मुनाफा कमाया, लेकिन अपने ही देश के लोगों को नजरअंदाज किया और यहां तक कि उनके विचारों को दबाने का प्रयास भी किया. अब वो दिन नहीं लौटेंगे."
'सिर्फ अमेरिका के लिए काम करें हमारी टेक कंपनियां'
ट्रंप ने जोर देकर कहा कि अमेरिका को अब ऐसी तकनीकी कंपनियों की जरूरत है जो न सिर्फ इनोवेशन में आगे हों, बल्कि देशभक्ति और राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता दें. उन्होंने सिलिकॉन वैली समेत तमाम टेक इंडस्ट्री को चेताते हुए कहा "हमें आपकी ज़रूरत है, लेकिन तभी जब आप अमेरिका के लिए खड़े हों. अमेरिका पहले, बाकी बाद में."
AI में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम
नए कार्यकारी आदेशों के तहत व्हाइट हाउस की ओर से एक समन्वित प्रयास शुरू किया गया है, जिससे अमेरिका न सिर्फ एआई में अग्रणी बने, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करे. यह नीति घरेलू उत्पादनों को प्राथमिकता देने और विदेशी निर्भरता घटाने के मकसद से तैयार की गई है.
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