ट्रंप का दोगलापन उजागर! भारत के समर्थन में उतरी ये अमेरिकी नेता, कहा- भारत जैसे सहयोगी को...

    Nikki Haley Support India: भारत और अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों पर उस वक्त बहस तेज हो गई जब भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली ने चीन को दी गई टैरिफ राहत पर सवाल उठाते हुए भारत के खिलाफ कड़े व्यापारिक रुख पर चिंता जाहिर की.

    Trump hypocrisy exposed Nikki haley came out in support of India
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    Nikki Haley Support India: भारत और अमेरिका के रणनीतिक रिश्तों पर उस वक्त बहस तेज हो गई जब भारतीय मूल की अमेरिकी नेता निक्की हेली ने चीन को दी गई टैरिफ राहत पर सवाल उठाते हुए भारत के खिलाफ कड़े व्यापारिक रुख पर चिंता जाहिर की. उनका कहना है कि अमेरिका को अपने विरोधियों के प्रति नरम रुख छोड़कर, भारत जैसे भरोसेमंद साझेदार के साथ संबंध मजबूत करने चाहिए.

    पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर संभावित 'अत्यधिक टैरिफ' लगाने की घोषणा के बाद, निक्की हेली ने अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की. उन्होंने लिखा, "अगर अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल न खरीदे, तो फिर चीन को, जो कि रूस और ईरान के तेल का सबसे बड़ा खरीदार है,  90 दिन का टैरिफ स्थगन क्यों दिया गया?"

    हेली ने आगे कहा कि यह नीति अमेरिका के अपने हितों के खिलाफ जा रही है, क्योंकि इससे एक तरफ तो चीन जैसे विरोधी को राहत मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ भारत जैसे सहयोगी को दंडित किया जा रहा है.

    ट्रंप की टिप्पणी से बढ़ा विवाद

    डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत एक ‘अच्छा व्यापारिक साझेदार’ नहीं रहा है, और उन्होंने भारत पर "अत्यधिक टैरिफ" बढ़ाने की चेतावनी दी क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है. ट्रंप का मानना है कि यह रूस की ‘युद्ध मशीन’ को ईंधन देने जैसा है.

    हालांकि, भारत ने इन आरोपों का तीखा जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ खुद भी रूसी तेल खरीद रहे हैं, लेकिन टार्गेट सिर्फ भारत को किया जा रहा है. नई दिल्ली ने इसे "अन्यायपूर्ण और असंगत" बताया.

    निक्की हेली का सशक्त संदेश

    निक्की हेली, जो संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रह चुकी हैं और दक्षिण कैरोलिना की गवर्नर भी रही हैं, अमेरिका की राजनीति में एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी चेहरा हैं. 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए उन्होंने अपनी दावेदारी पेश की थी, हालांकि बाद में दौड़ से हट गईं. उनकी हालिया टिप्पणियों ने इस बात को उजागर किया है कि वैश्विक राजनीति में सिर्फ रणनीतिक हित नहीं, बल्कि पारदर्शिता और नीति में संतुलन भी ज़रूरी है.

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