ट्रंप की बौखलाहट अभी और बढ़ेगी! चीन की धरती पर मोदी, पुतिन और जिनपिंग की मुलाकात, जानें क्या है पूरा मामला

    SCO summit In China: जब दुनिया एक नई आर्थिक और रणनीतिक ध्रुवीकरण की ओर बढ़ रही है, तब ऐसे में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई कहानी लिखने जा रहा है.

    Trump frustration will increase further Modi Putin and Jinping meet on Chinese soil
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    SCO summit In China: जब दुनिया एक नई आर्थिक और रणनीतिक ध्रुवीकरण की ओर बढ़ रही है, तब ऐसे में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई कहानी लिखने जा रहा है. अमेरिका जहां टैरिफ के हथियार से वैश्विक व्यापार को झटका दे रहा है, वहीं दूसरी ओर रूस, भारत, चीन, तुर्की जैसे देश एक साझा मंच पर आकर संयुक्त मोर्चा बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.

    इस बार चीन के तियानजिन शहर में आयोजित होने वाला एससीओ शिखर सम्मेलन न केवल कूटनीतिक लिहाज़ से, बल्कि आर्थिक और सुरक्षा साझेदारियों के लिहाज़ से भी बेहद अहम माना जा रहा है.

    अमेरिका का टैरिफ हमला और भारत पर असर

    हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर 50% तक के टैरिफ लगाने की घोषणा की है. साथ ही यह भी साफ कर दिया कि जो देश रूस से तेल खरीदते हैं, उन्हें अमेरिका के कड़े व्यापारिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.

    यह घोषणा ऐसे वक्त पर आई है जब भारत रूस से अपने रणनीतिक संबंधों को और गहरा कर रहा है. अमेरिका की इस नीति को लेकर वैश्विक असंतोष सामने आ रहा है, और यही वजह है कि एससीओ समिट को एक वैकल्पिक वैश्विक व्यवस्था के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.

    तियानजिन में जुटेंगे विश्व के बड़े नेता

    एससीओ समिट में हिस्सा लेने के लिए जो नेता एक मंच पर आ रहे हैं, वे न केवल अपने-अपने देशों के नेतृत्वकर्ता हैं, बल्कि आज की वैश्विक राजनीति की दिशा तय करने वाले भी हैं:

    नरेंद्र मोदी- भारत के प्रधानमंत्री

    व्लादिमीर पुतिन- रूस के राष्ट्रपति

    शी जिनपिंग- चीन के राष्ट्रपति

    मसूद पेज़ेशकियान- ईरान के राष्ट्रपति

    रेचेप तैयप एर्दोआन- तुर्की के राष्ट्रपति

    अनवर इब्राहिम- मलेशिया के प्रधानमंत्री

    इशाक डार- पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री

    एंटोनियो गुटेरेस- संयुक्त राष्ट्र महासचिव

    इस मंच पर पीएम मोदी की उपस्थिति को लेकर चीन ने भी विशेष महत्व बताया है.

    चीन-भारत रिश्तों में नया मोड़?

    भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत-चीन संबंधों में नया आयाम जुड़ सकता है. उनका कहना है कि इस मुलाकात से न केवल एससीओ को दिशा मिलेगी, बल्कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूती मिल सकती है.

    संयुक्त घोषणा पत्र और अमेरिका को संकेत

    एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान सभी सदस्य देश एक साझा घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर कर सकते हैं. इसमें विकास रणनीति, सुरक्षा सहयोग और आर्थिक साझेदारी को लेकर बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है. जानकारों का मानना है कि यह घोषणाएं अमेरिका की टैरिफ नीति के खिलाफ एक सामूहिक प्रतिक्रिया के रूप में भी देखी जाएंगी.

    क्या अमेरिका के लिए बन रहा है नया गठजोड़?

    इस शिखर सम्मेलन में चीन का रुख स्पष्ट है, वह अमेरिका की एकतरफा नीतियों के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटा रहा है. चीनी विदेश मंत्रालय ने बिना अमेरिका का नाम लिए कहा कि “कुछ देश अपने स्वार्थ को वैश्विक भलाई से ऊपर रख रहे हैं,” जो साफ तौर पर वॉशिंगटन की संरक्षणवादी नीतियों पर कटाक्ष है.

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