चीन पर ट्रंप को इतना भरोसा, बड़ा दावा कर कहा- ताइवान पर हमला नहीं करेगा ड्रैगन

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है कि उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा. ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में बताया कि इस विषय पर उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सीधे बातचीत की है और जिनपिंग ने भरोसा दिया कि जब तक वे राष्ट्रपति हैं.

    Trump big claim china will not attack on taiwan till I Will be president
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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा दावा किया है कि उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा. ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए साक्षात्कार में बताया कि इस विषय पर उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से सीधे बातचीत की है और जिनपिंग ने भरोसा दिया कि जब तक वे राष्ट्रपति हैं, ताइवान को कोई खतरा नहीं होगा.

    ताइवान का मुद्दा लंबे समय से चीन और अमेरिका के बीच तनाव का कारण रहा है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि अमेरिका इसे महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में देखता है और किसी भी हमले की स्थिति में ताइवान की रक्षा करने का वादा करता है. यही वजह है कि ताइवान की सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद संवेदनशील विषय बनी हुई है.

    ट्रंप ने क्या कहा

    ट्रंप ने अपने बयान में कहा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग का रुख ताइवान पर काफी कड़ा है, लेकिन जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, कुछ नहीं होगा. उन्होंने मुझसे कहा कि वे ताइवान पर हमला नहीं करेंगे और हम दोनों बहुत धैर्यवान हैं.” ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने शी जिनपिंग की इस प्रतिबद्धता की सराहना की है. ट्रंप के अनुसार, यह बातचीत उनके दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद जून में हुई थी, जबकि अप्रैल में भी उन्होंने कहा था कि शी जिनपिंग ने उन्हें फोन किया था.

    ताइवान और अमेरिका-चीन संबंध

    चीन ने वॉशिंगटन स्थित अपने दूतावास के माध्यम से स्पष्ट किया है कि ताइवान चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है. अमेरिका ताइवान का प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता है और उसका अंतर्राष्ट्रीय समर्थन करता है, हालांकि अमेरिका दुनिया के अधिकांश देशों की तरह ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं रखता. इस बीच, ताइवान की सरकार ने अभी तक ट्रंप के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. द्वीप राष्ट्र हाल के समय में अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर लगातार जोर दे रहा है.

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