ट्रंप ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया, तो शहबाज का बीपी हुआ हाई! भागे-भागे अमेरिका पहुंचे पाकिस्तान के मंत्री

    इसी क्रम में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों—लुटनिक और ग्रीयर से बातचीत की. इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने संभावित टैरिफ नीति पर चर्चा की और साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के उपायों पर भी विचार किया.

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    हाल ही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के मोर्चे पर अमेरिका द्वारा उठाए गए सख्त कदमों ने कई देशों को चिंता में डाल दिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर व्यापारिक नीतियों को सख्त करते हुए कई देशों पर नए टैरिफ लगाने की योजना बनाई है. हालांकि अभी तक पाकिस्तान का नाम इस सूची में शामिल नहीं किया गया है, फिर भी इस आशंका से पाकिस्तानी नेतृत्व खासा सतर्क हो गया है.

    इसी क्रम में पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों—लुटनिक और ग्रीयर से बातचीत की. इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने संभावित टैरिफ नीति पर चर्चा की और साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के उपायों पर भी विचार किया. पाक विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह बातचीत रचनात्मक रही और दोनों पक्षों ने इसे सकारात्मक करार दिया. खासतौर पर यह वार्ता पाकिस्तान के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि अमेरिका उसका एक प्रमुख निर्यात बाजार है—विशेष रूप से कपड़ा और कृषि उत्पादों के लिए.

    अमेरिका की नीति पर अब भी सस्पेंस

    हालांकि पाकिस्तान की ओर से पहल की जा रही है, लेकिन अमेरिका की तरफ से अभी तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है. सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी प्रशासन फिलहाल व्यापक व्यापार रणनीति के तहत अपने अन्य साझेदार देशों के साथ भी विचार-विमर्श कर रहा है. इसके बाद ही पाकिस्तान के लिए कोई विशेष नीति तय की जाएगी. इससे यह साफ संकेत मिलता है कि अमेरिका इस बार टैरिफ नीति को टुकड़ों में नहीं बल्कि एक समन्वित और कठोर रणनीति के तहत लागू करना चाहता है, जिससे उसका व्यापारिक संतुलन सुदृढ़ हो सके.

    दोनों देशों के रिश्तों में हलचल

    पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध कई मोर्चों पर तनावपूर्ण रहे हैं. लेकिन हाल ही में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनरो और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय रिश्तों में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं. उसी के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संवाद फिर से शुरू हुए हैं, जो अब संभावित टैरिफ चर्चा तक पहुंच चुके हैं.

    पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पर संभावित असर

    अगर अमेरिका पाकिस्तान पर टैरिफ लगाता है तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक निर्यात पर निर्भर है, और उसमें भी अमेरिका एक बड़ा बाज़ार है. टैरिफ बढ़ने से पाकिस्तानी सामान अमेरिकी बाजार में महंगा हो जाएगा, जिससे प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने की आशंका है. खासकर टेक्सटाइल और एग्रीकल्चर जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर गहरा असर पड़ सकता है.

    हालांकि, यदि दोनों देशों के बीच कोई रियायती समझौता हो जाता है, तो इससे पाकिस्तान को बड़ी राहत मिल सकती है. इससे न सिर्फ आर्थिक स्थिरता को बल मिलेगा, बल्कि अमेरिका के साथ उसके रणनीतिक संबंधों को भी मजबूती मिलेगी.

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