बिहार के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों में शुमार तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) एक बार फिर गंभीर आरोपों के घेरे में है. इस बार मामला बेहद गंभीर फर्जी अंक पत्र और एडमिट कार्ड जारी करने का है. विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप है कि पैसे लेकर फर्जी मार्कशीट छात्रों को बेची जा रही है. इसका खुलासा यूनिवर्सिटी से जुड़ी एक जागरूक छात्रा ने किया, जिसके बाद पूरे सिस्टम की पोल खुलती जा रही है.
20 हजार रुपये में डिग्री
जानकारी के मुताबिक, 20 दिन पहले विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया. करीब 2 से 3 दर्जन छात्राओं के लिए फर्जी मार्कशीट और एडमिट कार्ड बनाए गए थे. इसके लिए छात्रों से 4,000 से 20,000 रुपये तक वसूले गए. आरोप सीधे तौर पर परीक्षा विभाग के कर्मचारियों पर लगे हैं, जो पूरे रैकेट का संचालन कर रहे थे.
कुलपति ने जताई नाराजगी
जैसे ही मामला तूल पकड़ा, कुलपति प्रोफेसर जवाहरलाल ने प्रशासनिक भवन का दौरा किया और परीक्षा नियंत्रक सहित कई कर्मियों को फटकार लगाई. उन्होंने FIR दर्ज करवाने का आदेश भी दिया. कर्मचारियों के मोबाइल की जांच में भी कई संदिग्ध चैट्स और दस्तावेज सामने आए. हालांकि, अब तक सिर्फ एक कर्मचारी, संजय कुमार को निलंबित किया गया है.
बाकी मामले अब भी अधर में लटके हैं और आरोपी अभी भी बचे हुए हैं.
छात्र-छात्राएं भटक रहे, MLA ने उठाई आवाज
फर्जी मार्कशीट लेकर कई छात्र अब कुलपति से लेकर जनप्रतिनिधियों के कार्यालय तक दौड़ रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही. इस पर भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने शिक्षा मंत्री और राजभवन को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग की है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि शिक्षा की साख के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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