रियाद/वॉशिंगटन: हाल ही में दक्षिणी सीरिया पर हुए इज़राइली हवाई हमलों ने मध्य पूर्व में राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. विशेष रूप से ड्रूज़ बहुल स्वेदा प्रांत में सीरियाई सेना की तैनाती को लेकर इज़राइल के तीखे विरोध पर सऊदी अरब ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस मुद्दे पर सऊदी नेतृत्व ने अमेरिका से दो-टूक बातचीत की है और इज़राइली रुख को खारिज किया है.
एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से मिडिल ईस्ट आई ने बताया है कि सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने अपने अमेरिकी समकक्ष से स्पष्ट रूप से कहा कि स्वेदा क्षेत्र में सीरियाई सरकार की सैन्य मौजूदगी को समर्थन दिया जाना चाहिए, भले ही इज़राइल इसका विरोध क्यों न करे.
सीरिया में बढ़ती अस्थिरता पर अमेरिका-सऊदी संवाद
अमेरिकी विदेश विभाग ने पुष्टि की है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल ही में फोन पर बातचीत हुई, जिसमें सीरिया में जारी हिंसा, क्षेत्रीय स्थिरता, और सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा की गई. हालांकि इस बातचीत की पूरी विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया, लेकिन सूत्रों के अनुसार, सऊदी नेतृत्व इज़राइल के हालिया रुख से नाखुश है, विशेष रूप से दमिश्क और दक्षिणी सीरिया में किए गए सैन्य हमलों को लेकर.
सीरियाई सेना और रक्षा मंत्रालय पर हमला
इज़राइल ने इस सप्ताह दमिश्क में स्थित सीरियाई रक्षा मंत्रालय समेत कई ठिकानों पर हवाई हमले किए. इसके साथ ही, स्वेदा प्रांत में सीरियाई सेना के टैंकों को भी निशाना बनाया गया. इज़राइली प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र को 'रेड लाइन' करार दिया और कहा कि वे इस इलाके में सीरियाई सेना की मौजूदगी को स्वीकार नहीं करेंगे.
इज़राइल का दावा है कि यह कार्रवाई ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई, लेकिन इस दावे को लेकर कई मुस्लिम देश — विशेष रूप से सऊदी अरब — ने सवाल खड़े किए हैं.
तुर्की से आई संघर्ष विराम की खबर
इज़राइल और सीरिया के बीच हालिया झड़पों के बाद तुर्की में स्थित अमेरिकी राजनयिकों ने संघर्ष विराम की जानकारी दी है. हालांकि, इस संघर्ष विराम की स्थिरता और प्रभाव को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
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