बैंकॉक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय थाईलैंड यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. इस दौरान उन्होंने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा से मुलाकात की और विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
संस्कृति और आध्यात्मिकता के सेतु
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में भारत और थाईलैंड के गहरे सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच बौद्ध धर्म एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम करता है और रामायण की कहानियां थाई समाज का अभिन्न हिस्सा हैं.
उन्होंने विशेष रूप से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के आदान-प्रदान का उल्लेख किया और कहा कि गुजरात के अरावली क्षेत्र में मिले भगवान बुद्ध के अवशेषों को थाईलैंड भेजा जाएगा. यह कदम दोनों देशों के धार्मिक संबंधों को और सशक्त करेगा.
रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई
पीएम मोदी और पीएम पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने भारत और थाईलैंड के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए सहमति जताई. इस दौरान साइबर सुरक्षा, मानव तस्करी और अवैध प्रवासन के खिलाफ सहयोग को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया.
व्यापारिक दृष्टि से भी इस यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण समझौते हुए. दोनों देशों ने MSME, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ई-वाहन, रोबोटिक्स, अंतरिक्ष विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया. इसके अतिरिक्त, फिनटेक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और भारतीय पर्यटकों के लिए थाईलैंड के ई-वीजा सुविधा की शुरुआत पर भी चर्चा हुई.
थाईलैंड के राजा से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न और रानी सुथिदा से भी मुलाकात करेंगे. इसके अलावा, वे BIMSTEC सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जहां दक्षिण एशियाई देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा होगी.
इसके अलावा, मोदी बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख यूनुस खान से भी मुलाकात कर सकते हैं, जो दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए राजनीतिक बदलावों के बाद पहली महत्वपूर्ण बातचीत होगी.
ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान वह थाईलैंड के प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर "वात फो" का भी दौरा कर सकते हैं. यह मंदिर अपने विशाल लेटे बुद्ध (रिक्लाइनिंग बुद्धा) प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है और थाईलैंड के सबसे पुराने और ऐतिहासिक मंदिरों में से एक माना जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करेगी, बल्कि व्यापार, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जुड़ाव को भी नई दिशा देगी.
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