बारिश के मौसम में बढ़ता है एलर्जी का खतरा, इन लोगों को होता है ज्यादा रिस्क, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

    बारिश की रिमझिम फुहारें भले ही मन को सुकून देती हों, लेकिन इस मौसम के साथ कई तरह की एलर्जी भी दबे पांव हमारे आसपास दस्तक देने लगती हैं.

    The risk of allergies increases during the rainy season
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    नई दिल्ली: बारिश की रिमझिम फुहारें भले ही मन को सुकून देती हों, लेकिन इस मौसम के साथ कई तरह की एलर्जी भी दबे पांव हमारे आसपास दस्तक देने लगती हैं. खासकर वे लोग जो पहले से अस्थमा, स्किन एलर्जी या साइनस जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए मानसून कई बार परेशानी भरा साबित हो सकता है.

    एक शोध के मुताबिक भारत की करीब 20-30% आबादी किसी न किसी एलर्जी से प्रभावित है. बारिश के दिनों में नमी और बैक्टीरिया का बढ़ना इस समस्या को और गंभीर बना देता है. लेकिन अगर आप सतर्क रहें और कुछ जरूरी सावधानियों का पालन करें तो इस मौसम का पूरा आनंद भी ले सकते हैं और एलर्जी से खुद को सुरक्षित भी रख सकते हैं.

    आज हम आपको बताएंगे:

    • बारिश में एलर्जी क्यों बढ़ती है?
    • किसे ज्यादा खतरा है?
    • कौन से लक्षण नजरअंदाज न करें?
    • और सबसे जरूरी: बचने के आसान तरीके

    बारिश के मौसम में एलर्जी क्यों बढ़ती है?

    बारिश के साथ बढ़ती नमी बैक्टीरिया, फंगस और धूल-मिट्टी को पनपने का मौका देती है. बंद घरों, गीले कपड़ों, पुराने फर्नीचर और सीलन वाली दीवारों पर फफूंदी जल्दी जमने लगती है. यही नमी सांस, त्वचा, आंख और पेट से जुड़ी एलर्जी का मुख्य कारण बनती है.

    मानसून के दौरान ये चीजें एलर्जी को सबसे ज्यादा बढ़ाती हैं:

    • गीले कपड़े या गीले जूते पहनना
    • बंद जगहों में सीलन और फफूंदी
    • खुले या दूषित भोजन का सेवन
    • मच्छरों और कीड़ों का प्रकोप
    • साफ-सफाई में लापरवाही

    किन लोगों को ज्यादा खतरा?

    बारिश में एलर्जी का असर किसी पर भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत होती है:

    • छोटे बच्चे और बुजुर्ग
    • अस्थमा या साइनस से पीड़ित लोग
    • प्रेग्नेंट महिलाएं
    • जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है
    • जिनकी स्किन संवेदनशील होती है

    मानसून एलर्जी के प्रमुख लक्षण-

    अगर आपको ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत सावधान हो जाइए:

    • लगातार छींक आना या नाक बहना
    • खांसी, सांस फूलना या सीने में जकड़न
    • आंखों में जलन, पानी आना या लालिमा
    • स्किन पर खुजली, रैशेज या फंगल इन्फेक्शन
    • पेट दर्द, उल्टी, दस्त (फूड एलर्जी)

    स्किन एलर्जी इस मौसम में बेहद आम हो जाती है, क्योंकि गीले कपड़ों और उमस के कारण फंगल इन्फेक्शन तेजी से फैलता है, खासकर अंडरआर्म्स, जांघों और पैरों के बीच.

    मानसून एलर्जी से बचने के 10 आसान उपाय

    • गीले कपड़े फौरन बदलें. भीगने के बाद ज्यादा देर तक गीले कपड़े न पहनें.
    • घर को सूखा और हवादार रखें. सीलन से फफूंद जल्दी बनती है.
    • बंद जगहों की नियमित सफाई करें. खासतौर पर वॉशरूम और स्टोररूम.
    • बासी और खुला खाना न खाएं. ये पेट की एलर्जी और फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं.
    • बारिश का पानी लगने के बाद नहाना न भूलें. स्किन इंफेक्शन से बचाव होगा.
    • धूल-मिट्टी से बचें. मास्क पहनें और घर में नियमित झाड़ू-पोछा करें.
    • गीले जूते-मोजे न पहनें. इससे पैरों में फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है.
    • इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड खाएं. जैसे आंवला, संतरा, दही, हल्दी, अदरक.
    • कम तेल-मसाले वाला हल्का खाना खाएं. तला-भुना या प्रोसेस्ड फूड न खाएं.
    • लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से सलाह लें. देरी न करें, समय पर इलाज जरूरी है.

    क्या सही खानपान एलर्जी से बचा सकता है?

    जी हां, डॉक्टरों के मुताबिक विटामिन C से भरपूर फल जैसे संतरा, नींबू, अमरूद और आंवला इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं. हल्दी और अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व एलर्जी के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं. साथ ही दही और छाछ जैसे प्रोबायोटिक्स पेट को हेल्दी रखते हैं.

    इस मौसम में बाहर का तला-भुना, बासी खाना और पैकेज्ड फूड न खाएं, ये एलर्जी को बढ़ा सकते हैं.

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