स्मोकिंग से बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा, हर साल आ रहे 3 लाख से ज्यादा मामले, जानें बचाव के तरीके

    भारत में स्मोकिंग करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है और इसी के साथ बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा.

    Smoking increases the risk of brain tumors
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    नई दिल्ली: क्या आपको पता है कि स्मोकिंग सिर्फ फेफड़ों के लिए नहीं, बल्कि आपके दिमाग के लिए भी खतरनाक है? भारत में स्मोकिंग करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है और इसी के साथ बढ़ रहा है ब्रेन ट्यूमर का खतरा.

    GLOBOCAN की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में हर साल 3 लाख से ज्यादा लोग ब्रेन ट्यूमर का शिकार होते हैं. भारत में ही हर साल करीब 40,000 नए केस सामने आते हैं. इसमें सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है- तंबाकू.

    स्मोकिंग कैसे बढ़ाता है ब्रेन ट्यूमर का रिस्क?

    सिगरेट के धुएं में मौजूद खतरनाक केमिकल्स (जिन्हें कार्सिनोजेन कहा जाता है) हमारे डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं. यही नहीं, स्मोकिंग से ब्लड-ब्रेन बैरियर भी कमजोर हो जाता है, जो हमारे दिमाग की सुरक्षा करता है. जब ये बैरियर कमजोर पड़ता है, तो हानिकारक पदार्थ सीधे दिमाग में पहुंचने लगते हैं और ब्रेन ट्यूमर बनने का खतरा बढ़ जाता है.

    भारत में स्मोकिंग कितनी बड़ी समस्या?

    'ग्लोबल एक्शन टू एंड स्मोकिंग' की रिपोर्ट के मुताबिक:

    • भारत में 25.3 करोड़ लोग स्मोकिंग करते हैं.
    • इसमें से 20 करोड़ पुरुष और 5.3 करोड़ महिलाएं शामिल हैं.
    • स्मोकिंग करने वाले देशों में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है.

    जब इतने बड़े पैमाने पर लोग स्मोक कर रहे हों, तो ब्रेन ट्यूमर के केस तेजी से बढ़ना लाजमी है.

    ब्रेन ट्यूमर क्या होता है?

    जब दिमाग की कोशिकाएं जरूरत से ज्यादा और बेकाबू तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो वहां एक गांठ बन जाती है, जिसे ब्रेन ट्यूमर कहते हैं.

    ये दो तरह के होते हैं:

    • बेनाइन (Non-Cancerous): धीरे-धीरे बढ़ते हैं, कई बार ज्यादा नुकसान नहीं करते.
    • मैलिग्नेंट (Cancerous): तेजी से बढ़ते हैं और जानलेवा हो सकते हैं.

    ब्रेन ट्यूमर के लक्षण-

    अगर आपको ये लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाइए:

    • बार-बार सिरदर्द, खासकर सुबह
    • मिर्गी जैसे झटके
    • बोलने, सोचने या याद करने में दिक्कत
    • मूड में अचानक बदलाव
    • शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी
    • चलने में असंतुलन
    • दिखाई या सुनाई देने में परेशानी
    • लगातार मतली या उल्टी जैसा महसूस होना

    ब्रेन ट्यूमर की जांच कैसे होती है?

    अगर लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर ये टेस्ट कर सकते हैं:

    • फिजिकल और न्यूरो चेकअप
    • MRI या CT स्कैन से दिमाग की सही तस्वीर देखना
    • बायोप्सी, ताकि पता चले ट्यूमर कैंसरस है या नहीं

    इलाज के क्या ऑप्शन हैं?

    ब्रेन ट्यूमर का इलाज ट्यूमर के साइज, जगह और टाइप पर निर्भर करता है. सबसे आम इलाज हैं:

    सर्जरी: ट्यूमर हटाना

    रेडिएशन थेरेपी: किरणों से ट्यूमर को छोटा करना

    कीमोथेरेपी: दवाइयों से कैंसर कोशिकाएं खत्म करना

    अक्सर इन तरीकों को मिलाकर इलाज किया जाता है ताकि बेहतर रिजल्ट मिले.

    ब्रेन ट्यूमर से बचना कैसे संभव है?

    ब्रेन ट्यूमर पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन रिस्क कम किया जा सकता है:

    • स्मोकिंग छोड़ें- यह सबसे जरूरी कदम है.
    • रेडिएशन एक्सपोजर से बचें- बार-बार अनावश्यक स्कैन न करवाएं.
    • हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं- अच्छा खानपान, एक्सरसाइज और भरपूर नींद लें.
    • स्ट्रेस मैनेज करें- दिमाग को आराम देना भी उतना ही जरूरी है.

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