नई दिल्ली: भारतीय सेना के सर्जिकल और तेज़ हमलों वाले ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क को गहरा झटका दिया, बल्कि वहां की सेना की कमजोर तैयारी और मानसिक दबाव को भी उजागर कर दिया. नई जानकारी के मुताबिक, संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के एक वरिष्ठ ब्रिगेड कमांडर ने अपनी पोस्ट छोड़कर एक मस्जिद में शरण ले ली और लौटने से साफ इनकार कर दिया.
ऑफिस बाद में खुलेगा, पहले जान बचाओ
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों द्वारा इंटरसेप्ट की गई रेडियो बातचीतों से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की 75वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने युद्ध के बीच अपने अधीनस्थ अधिकारियों को छोड़ दिया. मुजफ्फराबाद के पास स्थित इस ब्रिगेड के कमांडर ने जवाब में कहा, "ऑफिस बाद में खुलेगा, पहले अपनी जान बचाओ."
बातचीत से यह भी पता चला कि वह एक स्थानीय मस्जिद में छिप गए थे, जहां से उन्होंने अपने मातहतों को संदेश भिजवाया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, वह वापस नहीं लौटेंगे.
साहब मस्जिद में नमाज पढ़ रहे हैं
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान के इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की सेना के मनोबल और नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक जूनियर अधिकारी को यह कहते हुए सुना गया, "हमारे कमांडर साहब बड़ी मुश्किल से बच निकले. वो मस्जिद में नमाज अदा कर रहे हैं और तब तक नहीं लौटेंगे जब तक सब शांत न हो जाए."
भारत का ऑपरेशन सिंदूर:
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी थी.
इसके जवाब में भारतीय सेना ने:
पाकिस्तानी जवाबी कार्रवाई में घबराहट
पाकिस्तान की सेना ने भारत के सर्जिकल एक्शन का जवाब देने के लिए भारी तोपखाने का इस्तेमाल किया, लेकिन इस दौरान सुनियोजित रणनीति की कमी और आतंकी ठिकानों के नुकसान से आई बेचैनी साफ दिखाई दी. सबसे अहम बात यह रही कि स्वयं सेना के अधिकारी भी नेतृत्व देने की स्थिति में नहीं थे.
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