नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को जल्द ही एक नई रणनीतिक शक्ति मिलने जा रही है. रूस में निर्मित स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट ‘तमाल’ सभी समुद्री परीक्षणों में सफल रहा है और अब अगले महीने तक आधिकारिक रूप से इंडियन नेवल शिप (INS) तमाल के रूप में भारतीय नौसेना में शामिल हो जाएगा. यह भारत के लिए सिर्फ एक और वॉरशिप नहीं, बल्कि एक रणनीतिक गेमचेंजर साबित हो सकता है.
सी-ट्रायल में पास, जल्द होगी कमिशनिंग
सूत्रों के अनुसार, तमाल ने सभी समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं. अब इसे रूसी डॉकयार्ड में अंतिम निरीक्षण के लिए लाया जा रहा है. इसके बाद जून के अंतिम सप्ताह में इसकी आधिकारिक कमिशनिंग रूस में ही की जाएगी, जहां भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे.
इस वॉरशिप की डिलीवरी के साथ ही भारत को अपने चौदहवें फ्रिगेट की प्राप्ति होगी, जिससे नौसेना की मारक और निगरानी क्षमता में बड़ा इजाफा होगा.
INS तमाल की ताकत:
INS तमाल सिर्फ एक लड़ाकू जहाज नहीं, बल्कि एक फुल-स्पेक्ट्रम कॉम्बैट प्लेटफॉर्म है. इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं:
स्पीड: 30 नॉटिकल मील (लगभग 55 किमी/घंटा)
हथियार प्रणाली:
डिज़ाइन: स्टेल्थ तकनीक से युक्त, जिससे यह दुश्मन के रडार पर कम दिखता है
वजन: करीब 3900 टन
इस तरह की बहुस्तरीय क्षमताएं इसे समुद्री युद्ध की आधुनिक ज़रूरतों के हिसाब से पूरी तरह फिट बनाती हैं.
भारतीय दल की सक्रिय भूमिका
तमाल की ट्रायल प्रक्रिया में भारतीय नौसेना की करीब 200 लोगों की टीम रूस में लगातार सक्रिय रही. उन्होंने सभी परीक्षणों की निगरानी की और अब कमिशनिंग की प्रक्रिया में भी शामिल रहेंगे. यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय नौसेना को जहाज सौंपे जाने से पहले हर स्तर पर गुणवत्ता और कार्यक्षमता का परीक्षण किया गया है.
INS तमाल आखिरी इंपोर्टेड वॉरशिप
तमाल के साथ भारत की विदेश से वॉरशिप खरीदने की परंपरा समाप्त हो जाएगी. नौसेना ने स्पष्ट किया है कि अब भविष्य के सभी युद्धपोत स्वदेशी निर्माण के तहत ही तैयार किए जाएंगे.
गौरतलब है कि 2016 में भारत और रूस के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत चार ‘तलवार क्लास’ स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने पर सहमति बनी थी — दो रूस में और दो भारत में.
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