Trump Tariff Trouble: क्या ट्रंप की धमकियों के सामने झुकेगा भारत? देखें डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण

    भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है.

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    नई दिल्ली: भारत 24 के सीईओ और एडिटर इन चीफ डॉ. जगदीश चंद्र के 'The JC Show' का लाखों-करोड़ों दर्शकों को इंतजार रहता है. अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इसे लेकर आर्थिक और राजनीतिक हलकों में चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. आइए जानते हैं इस शो में Man of Prediction कहे जाने वाले डॉ. जगदीश चंद्र का विश्लेषण.

    सवाल: ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ क्यों लगाया?

    डॉ. जगदीश चंद्र का जवाब: ट्रंप ने अचानक भारत पर 25% टैरिफ (आयात शुल्क) लगा दिया, जबकि कुछ ही समय पहले उन्होंने कहा था कि भारत के साथ टैरिफ को लेकर बातचीत चल रही है। ऐसे में अचानक टैरिफ लगाने का फैसला न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए हैरानी का विषय बन गया। यह ट्रंप की कथनी और करनी के फर्क को उजागर करता है।

    सवाल: क्या यह कदम ट्रंप की गिरती लोकप्रियता और अस्थिर मानसिकता को दर्शाता है?

    जवाब: हां, विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के ऐसे फैसले उनकी अनियंत्रित कार्यशैली और गिरती राजनीतिक पकड़ को दर्शाते हैं। डॉ. जगदीश चंद्र ने कहा कि कई लोग यह कह रहे हैं कि "Trump has gone mental" और यह कहना अब मजाक नहीं, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है।

    सवाल: क्या भारत ट्रंप के दबाव में झुकेगा?

    जवाब: भारत की सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्पष्ट नीति पर चलते हैं कि राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है। मोदी एक सख्त और चतुर रणनीतिक वार्ताकार हैं। वे केवल एक सीमा तक ही समझौता करेंगे। भारत दबाव में नहीं झुकेगा, और अमेरिका की दादागिरी की आदत का भारत मजबूती से जवाब देगा।

    सवाल: भारत और ब्रिटेन के बीच हुई ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर ट्रंप क्या सोचते होंगे?

    जवाब: विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप इस समझौते से नाखुश होंगे। भारत और ब्रिटेन की यह डील अमेरिका के लिए एक संकेत है कि भारत अब स्वतंत्र विदेश नीति के तहत काम कर रहा है। एक लाइन में कहा गयास, "UK and India have pulled down Trump’s tariff card." यानि अब ट्रंप की टैरिफ नीति का प्रभाव कम हो रहा है।

    सवाल: क्या अमेरिका पाकिस्तान के साथ भी ट्रेड डील कर सकता है?

    जवाब: हां, इसके संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका अब पाकिस्तान के साथ भी व्यापार समझौते की दिशा में बढ़ रहा है। भले ही पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब है और उसकी बारगेनिंग पावर नहीं है, लेकिन उसे दोबारा अंतरराष्ट्रीय राजनीति में शामिल करने की कोशिश हो रही है।

    सवाल: ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों को भारत और चीन में बंद करने को कहा था, इसका क्या असर हुआ?

    जवाब: ट्रंप की इस चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ा। Apple, Google जैसी कंपनियों ने उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया और भारत में अपने ऑपरेशंस जारी रखे। ये चेतावनियाँ केवल मीडिया में सुर्खियाँ पाने के लिए थीं और इनमें कोई व्यावहारिक दम नहीं है।

    सवाल: ट्रंप दावा करते हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराया, क्या यह सच है?

    जवाब: नहीं, यह दावा पूरी तरह गलत है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बार-बार साफ कर चुके हैं कि भारत ने किसी बाहरी दबाव में नहीं, बल्कि अपने दम पर पाकिस्तान को जवाब दिया और समझौते किए। ट्रंप की यह बात सिर्फ राजनीतिक प्रचार है।

    सवाल: ट्रंप ने रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए कई बार धमकी दी है, क्या उनका असर हुआ?

    उत्तर: नहीं। ट्रंप रूस को चार बार आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दे चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। यह सिर्फ उनका मूड होता है — कभी धमकी, कभी ट्वीट। यह व्यवहार किसी स्थिर नेता का नहीं लगता।

    सवाल: ट्रंप के ट्वीट्स का वैश्विक बाजारों पर क्या असर पड़ता है?

    उत्तर: ट्रंप के ट्वीट अब एक वैश्विक सिरदर्द बन चुके हैं। हर देश की सरकार, वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक सुबह उठकर सबसे पहले यह देखने लगते हैं कि ट्रंप ने ट्विटर पर क्या लिखा। उनके एक ट्वीट से बाजार ऊपर-नीचे हो जाता है। यह स्थिति विश्व राजनीति के लिए हास्यास्पद और खतरनाक दोनों है।

    सवाल: क्या ट्रंप की अनिश्चित नीतियों से विश्व के मित्र राष्ट्रों में बेचैनी है?

    उत्तर: जी हां। अमेरिका के कई सहयोगी राष्ट्र जैसे यूरोपीय यूनियन, जापान, भारत आदि ट्रंप की नीतियों से परेशान हैं क्योंकि उनमें कोई स्थिरता नहीं है। ट्रंप की विदेश नीति पूरी तरह असंतुलित और व्यावसायिक प्राथमिकताओं पर आधारित है, न कि सिद्धांतों पर।

    सवाल: ट्रंप की इमिग्रेशन नीति को लेकर अमेरिका में क्या स्थिति है?

    उत्तर: ट्रंप की इमिग्रेशन नीति पूरी तरह असफल रही है। अमेरिकी अदालतें उनकी नीतियों पर बार-बार स्टे लगा चुकी हैं। देश में रहने वाले भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लाखों लोग अब डरे हुए हैं कि कब इमिग्रेशन की रेड आ जाए और उन्हें डिपोर्ट कर दिया जाए। यह अस्थिरता अमेरिका की छवि को नुकसान पहुँचा रही है।

    सवाल: ट्रंप की लोकप्रियता अमेरिका में किस स्तर पर पहुंची?

    उत्तर: ट्रंप की लोकप्रियता लगातार गिर रही है। एक हालिया सर्वे में उनकी अप्रूवल रेटिंग सिर्फ 20-25% रह गई है। अमेरिकी नागरिकों को अब लगने लगा है कि टैरिफ और धमकियों से देश को कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ है।