The Family Man Season 3: ‘फैमिली मैन’ सीज़न 3 जब पूरे देश में तहलका मचा रहा है, उसी समय आलोचकों और दर्शकों के बीच एक दिलचस्प बातचीत तेज़ हो गई है. मनोज बाजपेयी के नेतृत्व वाली इस जासूसी थ्रिलर और बंगाली ब्लॉकबस्टर ‘रक्तबीज 2’ के बीच मौजूद विषयगत समानताओं को लेकर. दोनों ही प्रोजेक्ट उच्च-स्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा कथाओं में उतरते हैं, जिन्हें गहन परफॉर्मेंस और तीखे राजनीतिक आयाम और भावनात्मक गहराई आगे बढ़ाते हैं.
हालांकि तुलना पैमाने या माध्यम की नहीं है, बल्कि उस साझा तीव्रता, भू-राजनीतिक संदर्भ और जमीन से जुड़ी कहानी कहने की शैली की है, जिसने दर्शकों को दोनों दुनियाओं की ओर खींचा है.
सीमा बिस्वास की मौजूदगी बनी चर्चा का विषय
इन दोनों प्रोजेक्ट्स के बीच सबसे दिलचस्प कड़ी हैं सीमा बिस्वास, जिनकी दमदार मौजूदगी इस समय चर्चा का बड़ा विषय बनी हुई है. ‘रक्तबीज 2’ में वे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में नज़र आती हैं—संयम, संवेदनशीलता और गहरी भावनात्मक परतों से भरी भूमिका में. वहीं ‘फैमिली मैन 3’ में वे भारत की प्रधानमंत्री के रूप में दिखाई देती हैं—एक ऐसी परफॉर्मेंस के साथ जो अधिकार, नाजुकता और शांत शक्ति का संयोजन है.
दोनों किरदार निभाने पर क्या बोलीं सीमा बिस्वास?
एक ही वर्ष में दो राजनीतिक रूप से गहन किरदार निभाने के अनुभव पर सीमा बिस्वास ने कहा दोनों किरदारों ने मुझसे बिल्कुल अलग ऊर्जा और भावनात्मक संसार की मांग की. ‘रक्तबीज 2’ में तनाव बांग्लादेश–भारत संबंधों में निहित है, जबकि ‘फैमिली मैन’ में यह पूरी तरह बदल जाता है. दोनों अनुभवों को जोड़ने वाली बात थी नेतृत्व का मानवीय पक्ष—डर, जिम्मेदारी और हर निर्णय का बोझ. मैं आभारी हूँ कि दर्शक इस विरोधाभास को महसूस कर पा रहे हैं.”फिल्म के निर्देशक-निर्माता नंदिता रॉय और शिबोप्रसाद मुखर्जी ने अपने विचार साझा किए.
सीमा से परे जाती हैं अच्छी कहानियां
“यह देखकर अच्छा लगता है कि ‘रक्तबीज 2’ देशभर में चर्चाओं को जन्म दे रही है. अच्छी कहानियाँ सीमाओं से परे जाती हैं. और यह फिल्म भी इसका अपवाद नहीं है. जब हमने सुल्ताना रहमान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री का चरित्र सोचा, तो सीमा बिस्वास हमारी पहली और एकमात्र पसंद थीं. उनकी मौजूदगी प्रभाव पैदा करती है, उनकी आवाज़ में भार है, और जब वे बोलती हैं, लोग सुनते हैं. किसी भी किरदार से मिलती-जुलती बात महज संयोग है—इस भूमिका में वे अपनी स्वयं की शक्ति और समझ लाती हैं.”
जैसे-जैसे इन दोनों प्रोजेक्ट्स पर बातचीत बढ़ रही है, एक बात स्पष्ट होती जा रही है. आज का दर्शक ऐसी कहानियों की ओर खिंचता है जो यथार्थ को भावनाओं के साथ, राजनीति को मानवीयपन के साथ, और रोमांच को सांस्कृतिक सच्चाई के साथ जोड़ती हैं. और इसी जगह पर ‘फैमिली मैन 3’ और ‘रक्तबीज 2’ भारतीय कहानी कहने की दिलचस्प और चर्चा-योग्य प्रस्तुतियों के रूप में मजबूती से खड़े हैं.
यह भी पढ़ें: अभिनेत्री सेलिना जेटली ने अपने पति पर लगाया घरेलू हिंसा का आरोप, इतने करोड़ रुपये मुआवजा भी मांगा