नई दिल्ली: किसानों को राहत देने और कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन की 14 प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि की घोषणा की है. 28 मई को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह निर्णय किसानों की आय में वृद्धि और खेती को आर्थिक रूप से टिकाऊ बनाने की दिशा में एक अहम कदम है.
धान, कपास, और तिलहनों की MSP में इजाफा
वैष्णव ने स्पष्ट किया कि MSP का निर्धारण कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज (CACP) की सिफारिशों के आधार पर किया गया है, और इसमें फसलों की लागत से कम से कम 50% अधिक मूल्य सुनिश्चित किया गया है.
Cabinet Briefing by Union Minister @AshwiniVaishnaw @PIB_India https://t.co/sELNx6Sc27
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) May 28, 2025
क्या होता है MSP और क्यों है यह ज़रूरी?
MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह सुनिश्चित दर होती है जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसलें खरीदने की गारंटी देती है, चाहे बाजार में कीमतें गिर क्यों न जाएं. यह व्यवस्था किसानों को मूल्य में गिरावट से सुरक्षा देती है और उनकी आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करती है.
भारत सरकार वर्तमान में 23 फसलों के लिए MSP घोषित करती है, जिसमें शामिल हैं:
7 अनाज: धान, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी, गेहूं, जौ
5 दालें: अरहर, उड़द, मूंग, मसूर, चना
7 तिलहन: मूंगफली, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड
4 नकदी फसलें: कपास, गन्ना, खोपरा, जूट
कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
रेलवे की दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी
दोनों परियोजनाओं पर अनुमानित खर्च ₹3,399 करोड़ होगा और इन्हें 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
आंध्र प्रदेश को मिला नया फोर-लेन हाईवे
सरकार ने बडवेल-नेल्लोर के बीच 108 किमी लंबे फोर-लेन हाईवे को मंजूरी दी है. इस ₹3,653 करोड़ की परियोजना से:
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