जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकवाद के खिलाफ चल रही मुहिम को बड़ी सफलता मिली है. सुरनकोट सेक्टर के हरि मारोटे गांव में सुरक्षा बलों को एक आतंकी ठिकाने का सुराग मिला, जहां से भारी मात्रा में विस्फोटक और संचार उपकरण बरामद किए गए हैं. रविवार देर रात शुरू हुए इस संयुक्त ऑपरेशन में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) की संयुक्त टीम ने अभियान को अंजाम दिया.
आईईडी और वायरलेस सेट बरामद, गुप्त सुरंग जैसी संरचना मिली
सर्च अभियान के दौरान पांच आईईडी, वायरलेस कम्युनिकेशन डिवाइसेज़ और कुछ कपड़े बरामद किए गए. ये सभी सामग्री जमीन के भीतर बने एक गुप्त ठिकाने से मिली, जिसे ‘फॉक्स होल’ कहा जा रहा है. सुरक्षा बलों को यहां आतंकियों की मौजूदगी के संकेत पहले ही मिल चुके थे.
30 अप्रैल को इसी इलाके में हुई मुठभेड़ के बाद इस फॉक्स होल का पता चला, जिसे देखकर सुरक्षा एजेंसियां भी चौंक गईं. करीब छह फीट गहरे और आठ फीट चौड़े इस भूमिगत गड्ढे को आतंकियों ने बेहद सुनियोजित तरीके से बनाया था. इसमें गैस सिलेंडर, सोलर लाइट, हथियार और अन्य दैनिक उपयोग की चीजें छिपाई गई थीं, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यहां आतंकियों के लंबे समय तक रुकने की तैयारी थी.
बांदीपोरा में लश्कर मॉड्यूल का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार
वहीं दूसरी ओर, बांदीपोरा जिले में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े एक ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस को खुफिया इनपुट मिला था कि कुछ OGWs अपने पाकिस्तानी आकाओं के इशारे पर सुरक्षाबलों, पुलिस और बाहरी नागरिकों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं.
खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस, सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन की डी-कंपनी और सेना की 13 राष्ट्रीय राइफल्स की ई-कंपनी ने कनिपोरा नायदखाई सुंबल क्षेत्र में संयुक्त रूप से चेकिंग अभियान चलाया. इस दौरान दो संदिग्ध – मोहम्मद रफीक खांडे और मुख्तार अहमद डार – को गिरफ्तार किया गया. उनकी तलाशी में दो चीनी हैंड ग्रेनेड, एक 7.62 एमएम मैगजीन और 30 जिंदा कारतूस बरामद हुए. इस संबंध में थाना सुंबल में UAPA एक्ट के तहत FIR नंबर 88/2025 दर्ज की गई है और जांच जारी है.
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ी, स्थानीय नेटवर्क पर कड़ी निगरानी
इन घटनाओं के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र में सतर्कता और निगरानी बढ़ा दी है. आतंकी गतिविधियों में स्थानीय नेटवर्क की भूमिका सामने आने के बाद अब OGWs पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. सेना और पुलिस लगातार सघन तलाशी अभियानों के जरिए इस तरह के ठिकानों का पता लगाने में जुटी हैं.
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