बिहार की राजनीति में एक बार फिर से तूफान उठ खड़ा हुआ है, जहां तेज प्रताप यादव और उनके परिवार के बीच विवाद ने नए रंग पकड़े हैं. हाल ही में तेज प्रताप यादव के सोशल मीडिया हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट हुई, जिसमें उनके और अनुष्का यादव के 12 साल पुराने रिश्ते की बात सामने आई. हालांकि यह पोस्ट जल्दी ही डिलीट कर दी गई और अकाउंट हैक होने का दावा किया गया, लेकिन यह मामला इतना सरल नहीं निकला. इस विवाद ने पूरे यादव परिवार में खींचतान को जन्म दिया, जिसके बाद लालू यादव ने तेज प्रताप को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर परिवार से भी बेदखल करने की बात कही.
ऐश्वर्या ने लालू परिवार पर लगाए आरोप
परंतु मामला यहीं थमने की बजाय और गहराने लगा है. तेज प्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय ने इस पूरे विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जब उन्हें पीटा गया, तब सामाजिक न्याय कहीं नजर नहीं आया. उन्होंने आरोप लगाया कि लालू परिवार इस पूरे मामले को चुनावी नाटक बना रहा है और पूरे परिवार का समर्थन तेज प्रताप के साथ है. ऐश्वर्या ने यह भी कहा कि 12 साल से चली आ रही अनुष्का के साथ तेज प्रताप की बात परिवार को पहले से पता थी, तो फिर मेरी शादी क्यों कराई गई?
लालू के भतीजे का बड़ा खुलासा
इसी बीच, लालू के भतीजे नागेंद्र राय ने भी विवाद में एक बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि तेज प्रताप और उनके ससुर के बीच झगड़ा हुआ था, जो अनुष्का के भाई को युवा आरजेडी अध्यक्ष पद से हटाने के पीछे की वजह भी था. नागेंद्र ने कहा कि अनुष्का के पिता से मामले को सुलझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह विवाद रंगदारी और मारपीट तक पहुंच गया. उनका आरोप है कि अनुष्का ने तेज प्रताप को हनी ट्रैप में फंसाया और तेज प्रताप को पार्टी से बाहर निकालने में जल्दबाजी हुई.
बीजेपी ने आरजेडी को घेरा
राजनीतिक पटल पर भी इस विवाद का बड़ा प्रभाव पड़ रहा है. बिहार के बीजेपी नेता दीपक प्रकाश ने इस मामले को लालू यादव परिवार की काली छवि और महिलाओं के साथ हुए अपराधों से जोड़ा है. उनका कहना है कि बिहार की महिलाएं इस सबको बर्दाश्त नहीं करेंगी और आगामी चुनाव में इसका असर साफ दिखेगा. बीजेपी फिलहाल इस पूरे मामले को “देखो और समझो” की नीति से देख रही है, लेकिन जब भी इस लड़ाई का रंग जनता के सामने आएगा, वह अपनी रणनीति को धार देगी.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप की छवि गंभीर नहीं मानी जाती, लेकिन उनके जरिए बीजेपी लालू परिवार और तेजस्वी यादव पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है. वहीं पार्टी यह भी कहती है कि अगर परिवार के मुखिया अपने घर का विवाद संभाल नहीं पा रहे, तो बिहार जैसे बड़े जिम्मेदारी को कैसे निभाएंगे.
BJP के लिए किसी हथियार से कम नहीं ये मुद्दा
चुनाव की रणभूमि में यह विवाद बीजेपी के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है. महिलाओं के सम्मान और अस्मिता के मुद्दे पर बीजेपी चुनावी रणनीति तैयार कर रही है, जिससे आरजेडी की खोती जनसमर्थन को रोका जा सके. आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप यादव का राजनीतिक करियर और यादव परिवार की स्थिति इस लड़ाई से कैसे प्रभावित होती है.
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