तेजप्रताप-अनुष्का मामले के बीच ये नई लड़की 'सिन्हा' कौन है? जीतनराम मांझी ने लालू के 'लाल' पर उठाया सवाल

    बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है, और इस बार केंद्र में हैं आरजेडी विधायक व पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव.

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    जीतनराम मांझी | Photo: ANI

    बिहार की राजनीति में एक बार फिर से हलचल तेज हो गई है, और इस बार केंद्र में हैं लालू यादव के बेटे- तेजप्रताप यादव. निजी रिश्तों को लेकर उपजे विवाद के बाद अब उनका सियासी भविष्य सवालों के घेरे में है. अनुष्का यादव के साथ 12 साल पुराने संबंध का दावा करने के बाद तेजप्रताप को न सिर्फ सार्वजनिक आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि पारिवारिक असहमति भी चरम पर पहुंच गई है. इस बीच जीतनराम मांझी के बयान ने सियासी गलियारे में हलचल और ज्यादा बढ़ा दी है.

    RJD सुप्रीमो और उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने तेजप्रताप के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें पार्टी और परिवार से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. लालू यादव ने सार्वजनिक बयान में कहा कि तेजप्रताप का गैर-जिम्मेदाराना आचरण और निजी जीवन में नैतिक गिरावट पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रही है. तेजप्रताप की फेसबुक पोस्ट, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव को लेकर निजी बातें साझा की थीं, पूरे विवाद की शुरुआत मानी जा रही है.

    जीतनराम मांझी ने क्या कहा?

    जीतनराम मांझी ने एक्स पर पोस्ट करके हुए कहा- 'दरोग़ा बाबू की पोती ऐश्वर्या के साथ जो लालू परिवार ने किया है उसका बदला आने वाले चुनाव में बिहार की हर महिला लेकर रहेगी। तेज प्रताप जब किसी के साथ रिलेशनशिप में थें तो फिर किसी लड़की की ज़िन्दगी बर्बाद करने का अधिकार लालू परिवार को किसने दिया? कहीं ऐसा तो नहीं है कि किसी “सिन्हा” के चक्कर में लालू परिवार अनुष्का यादव की ज़िंदगी भी बर्बाद करवा दे? इसका जवाब लालू परिवार को देश के सामने देना होगा।' ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि ये 'सिन्हा' कौन है?

    राजनीतिक गलियारों में गरमाई बहस

    • तेजप्रताप को निष्कासन के बाद राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं.
    • बीजेपी ने इसे "नाटक" बताया और लालू परिवार की पारिवारिक रणनीति करार दिया.
    • जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि "लालू परिवार की पुरानी आदत है मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे ड्रामे करना."
    • वहीं, तेज प्रताप के छोटे भाई और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इस पूरे प्रकरण से किनारा करते हुए कहा, "यह तेजप्रताप का व्यक्तिगत मामला है, हम इसे न तो पसंद करते हैं और न ही समर्थन."

    तेजप्रताप की अगली चाल क्या होगी?

    राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेजप्रताप यादव चुप बैठने वालों में नहीं हैं. 2019 में उन्होंने "लालू-राबड़ी मोर्चा" बनाकर बगावत की थी, और अब जब RJD के दरवाज़े बंद हो गए हैं, तो वे नई पार्टी के गठन की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं.

    सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप दो संगठनों के नामों पर विचार कर सकते हैं:

    • DSS (धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ) – जिसे उन्होंने आरएसएस के जवाब में लॉन्च किया था.
    • CJP (छात्र जनशक्ति परिषद) – एक युवा संगठन, जिसे उन्होंने पहले ही स्थापित कर रखा है.

    इन दोनों मंचों का इस्तेमाल वे एक नए सियासी दल के तौर पर कर सकते हैं. तेजप्रताप की चुप्पी और सोशल मीडिया से दूरी को भी इस बात से जोड़ा जा रहा है कि वह कोई बड़ा राजनीतिक फैसला लेने की तैयारी में हैं.

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