अब बिना ट्रूकॉलर के भी देख पाएंगे कॉलर का नाम, जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों ने शुरू की ये सुविधा

    CNAP Service: देश में टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ा एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. रिलायंस जियो, एयरटेल और अन्य प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने कई राज्यों में कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सर्विस को धीरे-धीरे रोलआउट करना शुरू कर दिया है. 

    Tech CNAP service name of the caller even without Truecaller Jio Airtel started facility
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    CNAP Service: देश में टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ा एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. रिलायंस जियो, एयरटेल और अन्य प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों ने कई राज्यों में कॉलर नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सर्विस को धीरे-धीरे रोलआउट करना शुरू कर दिया है. 

    इस नई सुविधा के जरिए अब मोबाइल यूजर्स को अनजान नंबर से आने वाली कॉल पर भी कॉल करने वाले व्यक्ति का नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा. इससे कॉल उठाने से पहले ही यह समझना आसान हो जाएगा कि सामने वाला व्यक्ति कौन है.

    ट्रूकॉलर पर निर्भरता होगी कम

    अब तक अनजान नंबर की पहचान के लिए यूजर्स को ट्रूकॉलर जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स पर निर्भर रहना पड़ता था. हालांकि, इन ऐप्स को लेकर प्राइवेसी और डेटा शेयरिंग से जुड़े सवाल भी उठते रहे हैं. अब TRAI और दूरसंचार विभाग के निर्देशों के बाद टेलीकॉम कंपनियां खुद नेटवर्क स्तर पर कॉलर का नाम दिखाने लगी हैं, जिससे किसी बाहरी ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी.

    कॉल स्क्रीन पर कैसे दिखेगा नाम

    जब किसी यूजर को कॉल आएगी, तो कॉल स्क्रीन पर वही नाम दिखाई देगा जो संबंधित नंबर के मालिक ने सिम लेते समय अपनी आधिकारिक पहचान (ID) में दर्ज कराया था. यह फीचर डिफॉल्ट रूप से एक्टिव रहेगा. अगर कोई यूजर इस सुविधा का इस्तेमाल नहीं करना चाहता, तो उसे अपने फोन या नेटवर्क सेटिंग्स से इसे मैन्युअली बंद करना होगा. टेलीकॉम कंपनियां इस बात पर भी जोर दे रही हैं कि नाम पूरी तरह से वेरिफाइड होगा, ताकि गलत या भ्रामक पहचान की संभावना कम से कम रहे.

    पहले भी हो चुका है ट्रायल

    यह सर्विस अचानक लागू नहीं की गई है. पिछले साल टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा जैसे सर्किल्स में CNAP फीचर का ट्रायल किया था. ट्रायल के दौरान मिले फीडबैक के आधार पर अब इसे बड़े स्तर पर लागू किया जा रहा है. TRAI का मानना है कि यह कदम देश में बढ़ते साइबर फ्रॉड और स्पैम कॉल्स पर लगाम लगाने में अहम भूमिका निभाएगा.

    फ्रॉड और स्कैम कॉल्स पर लगेगी रोक

    CNAP सर्विस का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यूजर को कॉल उठाने से पहले ही यह पता चल जाएगा कि कॉल किसी जानकार की है या किसी अनजान व्यक्ति की. इससे फर्जी बैंक कॉल, डिजिटल अरेस्ट, लोन स्कैम और केवाईसी फ्रॉड जैसी घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है. नाम दिखाई देने से लोग संदिग्ध कॉल्स को नजरअंदाज कर सकेंगे और इस तरह हैकर्स और स्कैमर्स के जाल में फंसने से बच पाएंगे.

    किन राज्यों में शुरू हुई यह सुविधा

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिलायंस जियो ने हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, बिहार, झारखंड और ओडिशा समेत कई राज्यों में CNAP सर्विस शुरू कर दी है. वहीं एयरटेल ने जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में इस सुविधा को एक्टिव किया है.

    वोडाफोन आइडिया (Vi) ने महाराष्ट्र और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में इस सर्विस की शुरुआत कर दी है. सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL फिलहाल पश्चिम बंगाल में इस फीचर की टेस्टिंग कर रही है और आने वाले समय में इसे अन्य सर्किल्स में भी लागू किया जा सकता है.

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