Cyber Fraud Alert News: आजकल साइबर ठगों के नित नए तरीके सामने आ रहे हैं, जो लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. इनमें से एक तरीका गूगल पर कस्टमर केयर नंबर ढूंढने के दौरान हो रही ठगी का है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर और रायबरेली में साइबर ठगों ने इस तरीके से कई लोगों को अपना शिकार बनाया. आइए जानते हैं कि कैसे इन ठगों ने लोगों को चूना लगाया और इस तरह की ठगी से कैसे बचा जा सकता है.
फतेहपुर में स्वास्थ्यकर्मी को ठगी का शिकार बनाया
फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र में एक स्वास्थ्यकर्मी के साथ साइबर ठगों ने एक लाख रुपये की ठगी कर दी. सोशल सिंह नामक व्यक्ति, जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसवा में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत हैं, ने कुछ दिन पहले एक ई-स्कूटर खरीदी थी. स्कूटर में तकनीकी खामी आने पर उन्होंने गूगल पर कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को खोजा और फोन किया. फोन करने के बाद उनसे शिकायत दर्ज करने के नाम पर ओटीपी मांगा गया, जिसे देने के बाद उनके बैंक खाते से 87,390 रुपये और दूसरे प्रयास में 12,599 रुपये कट गए.
इस घटना के बाद साइबर ठगों का फोन बंद हो गया और पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और ठगों की तलाश जारी है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गूगल पर साइबर अपराधी कंपनियों के कस्टमर केयर से मिलते-जुलते नंबर अपलोड कर देते हैं, जिनसे लोग बिना जांच-पड़ताल के संपर्क करते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं.
रायबरेली में साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश
वहीं, रायबरेली जिले में पुलिस ने एक साइबर फ्रॉड गैंग का पर्दाफाश किया है, जो व्यापारियों को सस्ते माल की सप्लाई का लालच देकर ठगी कर रहा था. ये ठग गरीब लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल कर ठगी का पैसा ट्रांसफर कराते थे. रायबरेली के भदोखर थाना क्षेत्र में एक लोहे के सरिया के व्यापारी अभय चौरसिया को इस गैंग ने सस्ते माल की सप्लाई का झांसा दिया.
अभय चौरसिया को व्हाट्सऐप पर एक कॉल आई, जिसमें खुद को सरिया का उत्पादक बताने वाले शख्स ने उन्हें सस्ते दाम पर माल देने का प्रस्ताव दिया. कई दौर की बातचीत के बाद, चौरसिया ने दिए गए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए. लेकिन जैसे ही उन्होंने पैसे भेजे, ठग ने अपना फोन बंद कर लिया. पुलिस ने चौरसिया की तहरीर पर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और हाल ही में इस मामले में मध्य प्रदेश के पटना जिले के विकास कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश अभी भी जारी है.
ठगी से बचने के उपाय
इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट हो जाता है कि साइबर ठग अब कितने चालाक हो गए हैं. गूगल पर कस्टमर केयर नंबर ढूंढने या किसी अन्य माध्यम से किसी के संपर्क में आने से पहले पूरी तरह से सतर्क रहना बेहद जरूरी है. यदि आपको कोई कस्टमर केयर नंबर मिलता है, तो पहले उसकी वैधता की जांच करें और बिना पुष्टि के कभी भी कोई संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी या बैंक डिटेल्स न दें. साथ ही, अगर आप किसी सामान की खरीदारी कर रहे हैं और आपको कोई सस्ते माल का लालच दे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं. ऐसे मामलों में कभी भी पैसे ट्रांसफर करने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें और संबंधित अधिकारियों से सत्यापन करें.
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