Sushil Kumar jail news: भारतीय कुश्ती जगत में कभी प्रेरणा का स्रोत रहे ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार अब एक हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामले में आरोपी के रूप में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं. जूनियर नेशनल रेसलर सागर धनखड़ की हत्या से जुड़े इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी है.
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा 4 मार्च 2024 को दी गई जमानत को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने उन्हें सात दिन के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है. अब तक बाहर रहते हुए सुशील कुमार उत्तर रेलवे में अपनी नौकरी पर लौट चुके थे, लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद उन्हें फिर से जेल भेजा जाएगा.
पीड़ित पक्ष की याचिका स्वीकार
इस मामले में सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को पलट दिया.
पीड़ित पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ मृदुल ने दलील दी कि इस जमानत से न्याय प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जबकि सुशील कुमार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने उनका पक्ष रखा.
छत्रसाल स्टेडियम की वह काली रात
मामला 4 मई 2021 की रात का है, जब दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में कथित तौर पर एक संपत्ति विवाद को लेकर सागर धनखड़ और उनके दो साथियों पर हमला हुआ. हमले में सागर की मौत हो गई जबकि सोनू और अमित नामक अन्य साथी घायल हुए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि मौत गंभीर चोटों के कारण हुई. इसके बाद सुशील कुमार करीब 18 दिन तक फरार रहे और अंततः दिल्ली पुलिस द्वारा मुंडका इलाके से गिरफ्तार किए गए. गिरफ्तारी के समय वह एक नेशनल एथलीट से उधार ली गई स्कूटी पर सवार थे.
पुलिस ने बताया मुख्य साजिशकर्ता
दिल्ली पुलिस ने सुशील कुमार और 17 अन्य के खिलाफ हत्या, अपहरण, डकैती, दंगा और आपराधिक साजिश सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया है. आरोपपत्र में सुशील कुमार को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है. पुलिस के अनुसार, कुश्ती के क्षेत्र में अपना घटता प्रभाव देखकर उन्होंने अपने वर्चस्व को दोबारा स्थापित करने के लिए यह हमला करवाया. हालांकि, सुशील कुमार ने अदालत में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.
लंबी कैद और धीमा ट्रायल
दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की मांग करते हुए सुशील कुमार की टीम ने तर्क दिया था कि वे साढ़े तीन साल से न्यायिक हिरासत में हैं और मुकदमा धीमी गति से चल रहा है. अब तक अभियोजन पक्ष के 222 गवाहों में से केवल 31 से ही पूछताछ हुई है. कोर्ट ने इसे आधार बनाकर जमानत दी थी, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया.
ओलंपिक हीरो से हत्या आरोपी तक
बीजिंग ओलंपिक 2008 में कांस्य पदक और लंदन ओलंपिक 2012 में रजत पदक जीतकर भारत का गौरव बढ़ाने वाले सुशील कुमार के करियर ने जिस तरह से मोड़ लिया, वह न सिर्फ खेल जगत, बल्कि समाज के लिए भी एक चिंताजनक संदेश है. एक समय पर रोल मॉडल रहे इस खिलाड़ी के खिलाफ हत्या जैसे गंभीर आरोप, देश के युवाओं के सामने यह सवाल खड़ा करते हैं कि प्रतिभा के साथ जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी है.
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