इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के उत्तरी वजीरिस्तान ज़िले में शनिवार को एक आत्मघाती विस्फोट में 13 सैनिकों की जान चली गई, जबकि 29 अन्य लोग घायल हो गए. घायलों में 10 सैन्यकर्मी और 19 नागरिक शामिल हैं.
स्थानीय अधिकारियों और सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, हमलावर ने विस्फोटकों से भरे वाहन को एक सैन्य काफिले में टक्कर मार दी, जिससे ज़बरदस्त विस्फोट हुआ. धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास के दो घरों की छतें गिर गईं, जिनके मलबे में दबकर छह बच्चे घायल हुए.
अब तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली
हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी आतंकवादी संगठन ने औपचारिक रूप से नहीं ली है, लेकिन यह इलाका अतीत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे चरमपंथी संगठनों की गतिविधियों से प्रभावित रहा है.
सुरक्षा बलों पर लगातार हो रहे हमले
यह हमला उस घटना के कुछ ही दिन बाद हुआ है जिसमें 24 जून को TTP के एक हमले में दक्षिणी वजीरिस्तान में दो पाकिस्तानी सेना अधिकारियों की मृत्यु हुई थी. इनमें एक अधिकारी, मोइज़ अब्बास, वही सैन्य कमांडर था जिसने वर्ष 2019 में भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को हिरासत में लिया था.
TTP: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की स्थापना दिसंबर 2007 में 13 विभिन्न विद्रोही गुटों के एकीकरण के रूप में हुई थी. इसका नेतृत्व उस समय बेयतुल्लाह मेहसूद ने किया था. TTP का उदय अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान में हस्तक्षेप और पाकिस्तान की लाल मस्जिद में सैन्य कार्रवाई के बाद तेज़ी से हुआ. यह संगठन मुख्य रूप से पाकिस्तान के कबायली क्षेत्रों में सक्रिय रहा है और समय-समय पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाता रहा है.
TTP को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों में सबसे अधिक घातक माना जाता है, और यह संगठन कई वर्षों से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बना हुआ है.
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