Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के मूढ़ापांडे थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में 10वीं का छात्र मोनीश हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. यह घटना उस वक्त हुई जब मोनीश अपने चार दोस्तों के साथ दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे के पास स्थित नियामतपुर इकरोटिया टोल प्लाजा के पास एक पेड़ पर चढ़कर जामुन तोड़ रहा था. पेड़ से गुजर रही 11,000 वोल्ट की हाईटेंशन लाइन मोनीश के संपर्क में आ गई और देखते ही देखते वह करंट से झुलसने लगा. डर के मारे उसके दोस्त वहां से भाग निकले और मोनीश अकेला जिंदगी और मौत से जूझता रहा.
10 मिनट तक करंट में लटका रहा
स्थानीय लोगों ने घटना देखी तो तुरंत बिजली विभाग को फोन कर लाइन बंद करवाई. लगभग 10 मिनट बाद जब करंट का प्रवाह बंद हुआ, तब लोग किसी तरह उसे नीचे उतारने में सफल हुए. लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने सबको हैरान कर दिया.
मिट्टी में दबाकर इलाज का प्रयास
डॉक्टर को बुलाने या अस्पताल ले जाने के बजाय स्थानीय लोगों ने मोनीश को 35 मिनट तक मिट्टी में दबा कर रखा. उनका मानना था कि मिट्टी करंट को खींच लेती है और यह उपाय झुलसे हुए शरीर को राहत देता है. युवक का केवल चेहरा मिट्टी से बाहर था, बाकी शरीर पूरी तरह ढका हुआ था. इस दौरान पुलिस को सूचना दी गई.
पुलिस ने पहुंचकर अस्पताल भेजा
करीब 35 मिनट बाद पुलिस मौके पर पहुंची और युवक को मिट्टी से निकालकर एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार और ग्रामीणों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. जामुन तोड़ने गया मोनीश अब कभी घर नहीं लौटेगा.
क्या अंधविश्वास ने ली एक जान?
इस मामले में स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं. अगर समय पर मोनीश को अस्पताल पहुंचा दिया गया होता, तो क्या उसकी जान बच सकती थी? यह सोचने का विषय है. मुरादाबाद पुलिस ने शव का पंचनामा भरते हुए कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.