तेहरान: मध्य पूर्व में चल रहे भीषण संघर्ष के बीच एक नई जंग सामने आ गई है — यह जंग है ‘सूचना’ की. जब ईरान ने देशभर में इंटरनेट बंद कर दिया, तब एलन मस्क ने अपने सैटेलाइट इंटरनेट सिस्टम स्टारलिंक के जरिए एक नया मोर्चा खोल दिया. अब यह टकराव सिर्फ मिसाइलों और ड्रोनों का नहीं, बल्कि डिजिटल कनेक्टिविटी का भी बन गया है.
इंटरनेट ब्लैकआउट और मस्क का जवाब
शुक्रवार को इजरायली हमलों के बाद ईरान के संचार मंत्रालय ने देश में इंटरनेट सेवाओं पर व्यापक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. आधिकारिक बयान में कहा गया कि "सुरक्षा कारणों" से यह फैसला लिया गया है और हालात सामान्य होते ही इंटरनेट बहाल कर दिया जाएगा. लेकिन इसके 24 घंटे के भीतर ही एलन मस्क ने घोषणा कर दी कि उनकी स्टारलिंक सेवा अब ईरान में चालू है.
यह वही रणनीति है जिसे मस्क पहले यूक्रेन और गाजा जैसे संघर्षरत क्षेत्रों में आज़मा चुके हैं. स्टारलिंक की खूबी यही है कि यह दुनिया की किसी भी जगह — जहां परंपरागत संचार तंत्र नष्ट हो चुका हो — वहां भी हाई-स्पीड इंटरनेट मुहैया करा सकता है.
सिर्फ इंटरनेट नहीं, एक रणनीतिक हथियार
स्टारलिंक अब सिर्फ एक टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट नहीं रहा. यह धीरे-धीरे ‘स्ट्रेटेजिक इंफ्रास्ट्रक्चर’ बन चुका है, जो जियोपॉलिटिकल बैलेंस में हस्तक्षेप करने की क्षमता रखता है. यूक्रेन युद्ध में मस्क का यह प्लेटफॉर्म एक गेम-चेंजर साबित हुआ था. अब ईरान में भी स्टारलिंक की एंट्री युद्ध की दिशा को नए मोड़ पर ले जा सकती है.
मस्क के इस कदम का सीधा मतलब है कि ईरान भले ही स्थानीय नेटवर्क बंद कर दे, लेकिन पूरी तरह से सूचना को रोक पाना अब असंभव हो गया है.
खामेनेई का ‘स्पेस बैकअप प्लान’ क्या है?
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के पास भी इस साइबर युद्ध के लिए बैकअप तैयार था. ईरान पिछले कई वर्षों से ‘खुदमुख्तार इंटरनेट सिस्टम’ यानी नेशनल इंफॉर्मेशन नेटवर्क (NIN) पर काम कर रहा है. यह एक सीमित, सरकारी रूप से नियंत्रित नेटवर्क है जो ईरानी यूजर्स को बाहरी इंटरनेट से काटकर ‘स्थानीय इंटरनेट’ पर सीमित कर देता है.
इसके अलावा, खामेनेई प्रशासन ईरानी सैटेलाइट सिस्टम ‘Zohreh’ के पुनः सक्रिय करने की योजना भी बना रहा था, ताकि भविष्य में मस्क जैसे बाहरी हस्तक्षेपों से बचा जा सके. हालांकि, फिलहाल ईरान के पास मस्क के स्टारलिंक के खिलाफ कोई प्रभावी जवाब नहीं है.
सूचना युद्ध: अब कोई सीमाएं नहीं
यह लड़ाई अब मिसाइलों और हवाई हमलों से कहीं आगे निकल चुकी है. यह ‘इन्फॉर्मेशन डॉमिनेंस’ की लड़ाई बन गई है, जिसमें नागरिकों के पास क्या सूचना पहुंचेगी, कौन सी तस्वीर बाहर आएगी, इसे नियंत्रित करना युद्ध का अहम हिस्सा बन चुका है.
मस्क का स्टारलिंक इस सूचना नियंत्रण के पुराने मॉडल को चुनौती दे रहा है. अगर मस्क अपनी सेवाओं को और विस्तार देते हैं तो ईरानी सरकार के लिए अपने नागरिकों को डिजिटल रूप से ‘आइसोलेट’ कर पाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा.
युद्ध का नया चेहरा
इस पूरे घटनाक्रम ने साफ कर दिया है कि भविष्य के युद्ध केवल हथियारों से नहीं, बल्कि इंटरनेट, सैटेलाइट और संचार माध्यमों के जरिए भी लड़े जाएंगे. मध्य पूर्व के मौजूदा हालात में एलन मस्क जैसे टेक उद्यमी अब सिर्फ कारोबारी नहीं, बल्कि ‘जियोपॉलिटिकल एक्टर्स’ बन चुके हैं.
जैसे-जैसे इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष तेज हो रहा है, मस्क का स्टारलिंक इस लड़ाई में सूचना की सबसे शक्तिशाली धुरी बनकर उभर रहा है.
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