शुक्रवार की रात दक्षिण श्रीनगर का नौगाम इलाका उस भयावह सन्नाटे में डूब गया, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. शांत दिखाई देने वाली रात अचानक एक ऐसे विस्फोट से थर्रा उठी जिसने न केवल पुलिस स्टेशन को मलबे में बदल दिया, बल्कि कई परिवारों की जिंदगी भी हमेशा के लिए बदल दी. 11 बजकर 22 मिनट पर हुए इस धमाके ने कुछ ही सेकंड में पूरे माहौल को दहशत से भर दिया.
इस हादसे में अब तक 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक घायल अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं. इलाके में फैले मलबे, जले हुए वाहन, और 300 फीट दूर तक बिखरे इंसानी अवशेष इस त्रासदी की भयावहता का अंदाज़ा देने के लिए काफी हैं.
धमाके की तीव्रता ऐसी कि आसमान में उठ गया धुएं का गुबार
CCTV फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आग का विशाल गुबार पुलिस स्टेशन से होते हुए कई फीट ऊपर आसमान में उठ गया. राहत कार्य में जुटी टीमों को लगातार हो रहे छोटे धमाकों के कारण करीब एक घंटे तक अंदर प्रवेश करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
दो बड़े शक—लापरवाही या आतंकी साजिश?
जांच एजेंसियों ने शुरुआती पड़ताल में इस घटना को दो संभावित एंगल से देखना शुरू किया है:
1. लापरवाही की आशंका
सूत्रों का कहना है कि पुलिस स्टेशन के भीतर रखे गए 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सील किया जा रहा था. इसी प्रक्रिया के दौरान किसी लापरवाही के कारण विस्फोट होने की संभावना जताई जा रही है.
2. आतंकी हमले का संकेत
दूसरा और गंभीर एंगल आतंकवाद से जुड़ा है. माना जा रहा है कि परिसर में खड़ी एक जब्तशुदा कार में IED छुपाकर रखा गया था. इसके फटने से पास में मौजूद भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट भी डेटोनेट हो गया. इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े शैडो ग्रुप PAFF द्वारा लेने का दावा किया गया है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है.
डॉक्टरों से जुड़े मॉड्यूल की कड़ी फिर खुली
यह धमाका इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि नौगाम थाने में ही अंतर-राज्यीय आतंकी मॉड्यूल से जुड़ी पहली FIR दर्ज हुई थी. हाल ही में फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल गनई के किराये के घर से 360 किलो विस्फोटक मिला था—वही सामग्री जो इस धमाके में मौजूद थी. इसी मॉड्यूल में शामिल दो और डॉक्टरों को अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पकड़ा गया था.इसके अलावा फरीदाबाद से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद होना इस नेटवर्क की गहराई और मजबूती को दिखाता है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद की बड़ी भूमिका की जांच की जा रही है.
दिल्ली के लालकिला धमाके से जुड़ता शक
नौगाम ब्लास्ट के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. DGP नलिन प्रभात खुद हाईब्रिड सिक्योरिटी रिव्यू की निगरानी कर रहे हैं.यह सुरक्षा सतर्कता ऐसे समय में बढ़ाई गई है जब इसी सप्ताह दिल्ली के लालकिला के पास खड़ी एक कार में हुए शक्तिशाली विस्फोट में 13 लोगों की मौत हो गई थी. सरकार ने उसे “घिनौनी आतंकी साज़िश” करार देते हुए इस पूरे प्रकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता पर जांचने के निर्देश दिए हैं.
हर दिशा में खतरे की आहट, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर
एक तरफ श्रीनगर तो दूसरी तरफ दिल्ली—दोनों घटनाओं ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को बड़े खतरे की चेतावनी दे दी है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह किसी बड़े आतंकी नेटवर्क की संगठित रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसके कई स्लीपर सेल विभिन्न राज्यों में सक्रिय हैं. इन हादसों ने साफ कर दिया है कि आतंकियों की चालें और उनका नेटवर्क पहले से कहीं अधिक जटिल और खतरनाक हो चुका है. आने वाले दिनों में जांच एजेंसियों के सामने कई बड़े सवालों के जवाब ढूंढने की चुनौती होगी.
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