बिना बताए आपकी जासूसी! आम WiFi राउटर बन रहे हैं ‘अदृश्य निगरानी कैमरे’

    WiFi Hacks: अगर आपको लगता है कि आपकी प्राइवेसी सिर्फ कैमरों, ऐप्स या हैकर्स से खतरे में है, तो यह खबर आपका नजरिया बदल देगी. एक नई अंतरराष्ट्रीय स्टडी ने खुलासा किया है कि हमारे घरों और ऑफिस में लगे आम WiFi राउटर भी बिना पासवर्ड, बिना हैकिंग और बिना किसी अलर्ट के आपकी पहचान और मूवमेंट ट्रैक कर सकते हैं.

    Spying on you without telling you Common WiFi routers are becoming invisible surveillance cameras
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    WiFi Hacks: अगर आपको लगता है कि आपकी प्राइवेसी सिर्फ कैमरों, ऐप्स या हैकर्स से खतरे में है, तो यह खबर आपका नजरिया बदल देगी. एक नई अंतरराष्ट्रीय स्टडी ने खुलासा किया है कि हमारे घरों और ऑफिस में लगे आम WiFi राउटर भी बिना पासवर्ड, बिना हैकिंग और बिना किसी अलर्ट के आपकी पहचान और मूवमेंट ट्रैक कर सकते हैं. और डराने वाली बात यह है कि यह निगरानी 99.5% तक सटीक हो सकती है.

    यह दावा जर्मनी के कार्लज़ूए इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने किया है, जिन्होंने पाया कि WiFi का एक सामान्य फीचर, BFI (Beamforming Feedback Information), अनजाने में एक ऐसे निगरानी सिस्टम में बदल चुका है जिसकी भनक तक किसी को नहीं लगती.

    WiFi का एक सुविधाजनक फीचर अब कैसे बना प्राइवेसी का खतरा

    आधुनिक WiFi नेटवर्क बीमफॉर्मिंग तकनीक पर काम करते हैं. यह तकनीक राउटर को यह बताती है कि उसे किस दिशा में और किस ताकत से सिग्नल भेजना है, ताकि आपका स्मार्टफोन या लैपटॉप बेहतर नेटवर्क पा सके.

    इसके लिए फोन और लैपटॉप लगातार राउटर को छोटी-छोटी रिपोर्ट्स भेजते रहते हैं, यही रिपोर्ट्स BFI होती हैं. समस्या यह है कि ये रिपोर्ट्स पूरी तरह अनएन्क्रिप्टेड होती हैं, यानी कोई भी आस-पास का डिवाइस इन्हें आसानी से पकड़ सकता है.

    शोधकर्ताओं के अनुसार, यही BFI डेटा किसी इंसान की चाल, शरीर की हरकत और मूवमेंट पैटर्न को इतनी स्पष्टता से कैप्चर करता है कि व्यक्ति की पहचान भी की जा सकती है—भले ही उसका चेहरा न दिखे.

    प्रयोग के नतीजे चौंकाने वाले, कमरे में चलने भर से हो गई पहचान

    स्टडी में शोधकर्ताओं ने 6 GHz बैंड पर WiFi सेटअप बनाया. 197 लोगों को अलग-अलग तरह से चलते हुए रिकॉर्ड किया गया, धीमी चाल, तेज चाल, बैग लेकर चलना, टर्नस्टाइल से गुजरना आदि. जब इन गतिविधियों के दौरान BFI डेटा कैप्चर किया गया और एक न्यूरल नेटवर्क में डाला गया, तो नतीजा हैरान कर देने वाला था. मॉडल ने 160 से ज्यादा लोगों की पहचान 99.5% सटीकता से कर ली.

    चौंकाने वाली बात यह भी रही कि BFI, उस डेटा से भी ज्यादा सटीक साबित हुआ जिसे आमतौर पर WiFi सिग्नल एनालिसिस के लिए सबसे उन्नत माना जाता है, CSI (Channel State Information).

    CCTV से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है BFI

    शोधकर्ताओं का कहना है कि BFI आने वाले समय में CCTV से भी बड़ा खतरा बन सकता है. वजह साफ है कि CCTV कैमरे दिखते हैं, इसलिए लोग उनसे बच सकते हैं. WiFi राउटर चुपचाप कोनों में छुपे रहते हैं, जिन पर कोई ध्यान नहीं देता. CSI डेटा हासिल करने के लिए स्पेशल हार्डवेयर चाहिए, जबकि BFI किसी भी आम राउटर से उठाया जा सकता है. इसे कैप्चर करने के लिए न पासवर्ड चाहिए, न नेटवर्क एक्सेस.

    इस वजह से इसे शोधकर्ताओं ने "इन्भर्स पैनॉप्टिकॉन" कहा है, जहां लोग सोचते रहते हैं कि वे अनदेखे हैं, पर असल में वे लगातार मॉनिटर किए जा रहे होते हैं.

    आपके हर कदम, हर आदत का रिकॉर्ड तैयार हो सकता है

    BFI डेटा की असली खतरे की जड़ यह है कि एक बार पहचान स्थापित हो जाने के बाद व्यक्ति की सारी गतिविधियां उसी पहचान से जुड़ जाती हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार,

    • किसी कमरे में आपका मूवमेंट
    • आप कितनी देर खड़े रहते हैं
    • कैसे चलते हैं
    • आपके व्यवहार के पैटर्न

    सभी चीजें WiFi सिग्नल में छुपी रहती हैं और उन्हें पढ़कर एक पूरी प्रोफाइल तैयार की जा सकती है, भले ही आपका नाम न पता हो.

    सुरक्षा अभी शून्य, समाधान अभी दूर, सबसे बड़ा खतरा यहीं है

    अभी तक दुनिया में BFI के खिलाफ कोई खास सुरक्षा उपाय मौजूद नहीं है. जो तकनीकें WiFi लोकेशन-ट्रैकिंग को रोकने के लिए विकसित हुईं, वे ज्यादातर CSI पर फोकस करती हैं, जबकि असली खतरा अब BFI से है.

    शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर इस दिशा में जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो WiFi प्राइवेसी दुनिया की नई और अदृश्य समस्या बन जाएगी, जो किसी कैमरे से कहीं ज्यादा खतरनाक होगी.

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