अंधेरा होता और उतर जाते कपड़े... दुनिया का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल, कैसे होता था महिलाओं का शोषण?

    महिलाओं के यौन कल्याण और सशक्तिकरण की बात करने वाले संगठन ‘वनटेस्ट’ की संस्थापक निकोल डेडोन अब एक गंभीर कानूनी संकट का सामना कर रही हैं.

    Silicon Valley's biggest sex scandal, who is Nicole Daedone?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    न्यूयॉर्क: महिलाओं के यौन कल्याण और सशक्तिकरण की बात करने वाले संगठन ‘वनटेस्ट’ की संस्थापक निकोल डेडोन अब एक गंभीर कानूनी संकट का सामना कर रही हैं. अमेरिका की एक अदालत ने डेडोन और उनकी सहयोगी रेचल चेरविट्ज को जबरन श्रम, यौन शोषण और आपराधिक साजिश के मामलों में दोषी करार दिया है. यह मामला केवल एक कानूनी विवाद नहीं, बल्कि आधुनिक यौन जागरूकता आंदोलनों के स्वरूप और सीमाओं पर भी सवाल खड़े करता है.

    कौन हैं निकोल डेडोन?

    निकोल डेडोन ने 2004 में सैन फ्रांसिस्को में वनटेस्ट इंक (OneTaste Inc.) की स्थापना की थी. उनका उद्देश्य, सार्वजनिक रूप से, महिलाओं को यौन संतुष्टि, आत्म-स्वीकृति और आत्मविश्वास सिखाना था. डेडोन द्वारा विकसित 'ओम-इंग' (Orgasmic Meditation) नामक तकनीक वैश्विक स्तर पर चर्चा में रही, जिसमें पुरुष और महिलाएं 15 मिनट तक एक विशेष प्रकार का यौन ध्यान करते थे. इसे एक 'आध्यात्मिक' और 'सशक्तिकरण' अभ्यास के रूप में प्रस्तुत किया गया.

    वनटेस्ट की कार्यशैली पर उठे सवाल

    वनटेस्ट ने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और कोचिंग के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा. हालांकि, 2018 में सामने आई रिपोर्टों में दावा किया गया कि कंपनी के आंतरिक वातावरण में कई अनियमितताएं थीं. आरोपों के अनुसार, कई महिलाओं को मानसिक दबाव में लाकर बिना वेतन लंबे समय तक काम करवाया गया, आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभागियों को कर्ज के जाल में फंसाया गया, और कुछ मामलों में यौन गतिविधियों के लिए मजबूर किया गया.

    अदालती कार्यवाही और अभियोजन पक्ष के तर्क

    अदालत में अभियोजन पक्ष ने कहा कि डेडोन और चेरविट्ज़ ने महिलाओं की भावनात्मक कमजोरियों और उनकी स्वीकृति की इच्छा का शोषण किया. अभियोजन पक्ष के अनुसार, 'सहमति' के नाम पर महिलाओं को मनोवैज्ञानिक रूप से नियंत्रित किया गया और उनका आर्थिक और शारीरिक शोषण किया गया.

    बचाव पक्ष ने अपनी दलीलों में कहा कि वनटेस्ट में भागीदारी पूरी तरह स्वैच्छिक थी और सभी प्रक्रियाएं प्रतिभागियों की स्पष्ट सहमति से होती थीं. हालांकि, जूरी ने अभियोजन पक्ष की बातों से सहमति जताते हुए डेडोन और चेरविट्ज़ को दोषी ठहराया.

    आगे क्या?

    दोनों दोषियों को 20 साल तक की सजा हो सकती है. हालांकि, उनके वकीलों ने फैसले के खिलाफ अपील करने की तैयारी की है. दूसरी ओर, वनटेस्ट के वर्तमान प्रवक्ताओं का कहना है कि 'सहमति' हमेशा उनके कार्यक्रमों की केंद्रीय अवधारणा रही है और वे इस फैसले से असहमत हैं.

    इस मामले का व्यापक प्रभाव

    यह मामला यौन सशक्तिकरण, व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सहमति की सीमाओं पर वैश्विक चर्चा को नया आयाम देता है. यह भी सवाल उठाता है कि क्या कभी-कभी 'सशक्तिकरण' के नाम पर लोग अवैध और अनैतिक व्यवहार को सही ठहराने की कोशिश करते हैं?

    अदालत का यह फैसला यौन जागरूकता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसे संवेदनशील विषयों में जवाबदेही और पारदर्शिता की अहमियत को रेखांकित करता है. साथ ही, यह भी बताता है कि सामाजिक आंदोलनों की आड़ में कोई भी संगठन अगर व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन करता है तो उसे न्यायिक जांच से नहीं बचाया जा सकता.

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