ढाका: बांग्लादेश में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच अवामी लीग और वर्तमान अंतरिम सरकार के बीच टकराव गहराता जा रहा है. अवामी लीग ने हाल ही में अंतरिम सरकार और उसके प्रमुख मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें कहा गया है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लक्षित किया जा रहा है और उनकी मौतें साजिश का हिस्सा हो सकती हैं.
संगठित दमन का प्रयास: अवामी लीग
अवामी लीग का दावा है कि देशभर की जेलों में उसके कार्यकर्ताओं की मौतें रहस्यमयी परिस्थितियों में हो रही हैं. पार्टी के अनुसार, यह कोई इक्का-दुक्का मामला नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पार्टी की राजनीतिक ताकत को कमजोर करना है.
अवामी लीग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "जेलों में हमारे कार्यकर्ताओं को पर्याप्त चिकित्सा सहायता नहीं दी जा रही, उन्हें अलग रखा जा रहा है, और शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है." पार्टी ने जेलों की स्थिति को ‘टॉर्चर चैंबर’ जैसा बताते हुए सरकार पर सीधे आरोप लगाए हैं.
अली असगर की मौत से बढ़ा विवाद
अवामी लीग ने हाल ही में एक वरिष्ठ नेता अली असगर की हिरासत में हुई मौत को इस दमनात्मक अभियान का उदाहरण बताया. पार्टी का कहना है कि यह घटना यूनुस प्रशासन की गंभीरता और उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है.
अवामी लीग के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक 21 अवामी लीग कार्यकर्ताओं की हिरासत में मौत हो चुकी है. पार्टी ने इसे न सिर्फ मानवाधिकार उल्लंघन, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ भी बताया.
जांच और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की अपील
अवामी लीग ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक स्वतंत्र राष्ट्रीय न्यायिक आयोग गठित करने की मांग की है. इसके अलावा, पार्टी ने प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन विशेष निरीक्षण दल बनाने और हिरासत केंद्रों की कड़ी निगरानी की सिफारिश की है.
पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की अपील की है, ताकि हिरासत में हो रही कथित मौतों और अत्याचारों की निष्पक्षता से जांच हो सके.
राजनीतिक संघर्ष की अगली दिशा
अवामी लीग का कहना है कि इस संकट की घड़ी में जनता फिर से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर देख रही है. पार्टी का दावा है कि शेख हसीना के नेतृत्व में देश पहले भी आतंकवाद, राजनीतिक अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय दबावों से सफलतापूर्वक उबर चुका है.
पार्टी के अनुसार, "शेख हसीना ने अतीत में देश को स्थिरता, विकास और सुरक्षा दी है. मौजूदा राजनीतिक संकट का समाधान भी उन्हीं के नेतृत्व में संभव है."
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