Imran Khan VS Shehbaz Sharif: पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है. जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर सैन्य प्रतिष्ठान पर खुलकर निशाना साधा है और देशव्यापी आंदोलन का ऐलान कर दिया है. लगभग दो वर्षों से विभिन्न मामलों में जेल में बंद इमरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वे दमन और अन्याय के आगे झुकने के बजाय पूरी जिंदगी जेल में बिताने को तैयार हैं.
जेल सही, लेकिन ‘फिरौनियत’ नहीं चलेगी
27 मई 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए इमरान खान ने लिखा, “मैं ‘फिरौनियत’ और ‘यज़ीदियत’ के सामने सिर नहीं झुकाऊंगा. कानून का राज मेरा मकसद है. पाकिस्तान में जंगल के कानून को खत्म करना होगा.” खान का यह बयान साफ तौर पर पाकिस्तानी सेना और न्याय व्यवस्था पर कटाक्ष है, जो पिछले कुछ वर्षों से उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पर लगातार कार्रवाई कर रही है.
शांतिपूर्ण लेकिन निर्णायक आंदोलन की चेतावनी
इमरान खान ने अपनी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की है कि वे एक शांतिपूर्ण लेकिन व्यापक विरोध आंदोलन के लिए तैयार रहें. “अब सिर्फ इस्लामाबाद नहीं, पूरा पाकिस्तान उठेगा,” उन्होंने यह कहते हुए आंदोलन को राष्ट्रीय स्वरूप देने की बात कही.
‘दोनों तरफ खेल’ रहे नेताओं को दी चेतावनी
खान ने पार्टी के भीतर कुछ लोगों पर भी सवाल उठाए और कहा कि उन्हें उन नेताओं की जानकारी है जो ‘दो नावों में सवारी’ कर रहे हैं. “ऐसे लोग जो प्रतिष्ठान और पीटीआई दोनों के साथ चालाकी कर रहे हैं, उन्हें इस आंदोलन से बाहर रखा जाएगा. जब भी मौका मिलेगा, पार्टी में आंतरिक चुनाव कराए जाएंगे.”
9 मई की सच्चाई छिपाई जा रही है?
इमरान खान ने 9 मई 2023 की घटनाओं को लेकर एक बार फिर सैन्य नेतृत्व को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि “अगर सीसीटीवी फुटेज सामने आ जाए, तो सब कुछ आधे घंटे में साफ हो जाएगा. असली गुनहगार वही हैं जिन्होंने फुटेज ही चुरा ली. अगर वे हमें दोषी मानते हैं, तो वीडियो सार्वजनिक करें.”
जेल में मानवाधिकारों का उल्लंघन?
इमरान खान ने रावलपिंडी की अडियाला जेल में अपने साथ हो रहे व्यवहार को ‘अमानवीय’ करार दिया. उन्होंने बताया कि ढाई महीने से उन्हें कोई नई किताब नहीं पढ़ने दी गई. बच्चों से बात करने की अनुमति नहीं है. बहनों को भी मुलाकात का अधिकार नहीं मिला. उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सिर्फ उन्हें तकलीफ देने के इरादे से सजा दी गई है, जो ‘‘घृणित कृत्य’’ है.
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